सेबी ने इस कंपनी को किया शेयर बाजार से बैन, 2 साल पहले आया था IPO, ₹237 से ₹88 पर आ गया भाव
आज मंगलवार को कंपनी के शेयर करीबन 4% तक गिरकर 88 रुपये पर बंद हुए हैं। कंपनी का आईपीओ जून 2023 में ₹237 के प्राइस बैंड पर लॉन्च हुआ था।

बाजार रेगुलटरी सेबी ने सिनॉप्टिक्स टेक्नोलॉजीज (Synoptics Technologies Limited) और उसके प्रमोटरों को बाजार से बैन कर दिया है। साथ ही फर्स्ट ओवरसीज कैपिटल लिमिटेड (एफओसीएल) को कोई भी नया कार्यभार लेने से रोक दिया है। दरअसल, सेबी को कुछ सबूत मिले हैं कि कंपनी और मर्चेंट बैंकर ने आईपीओ के जरिए जुटाई गई फंड की हेराफेरी की है। बता दें कि आज मंगलवार को सिनॉप्टिक्स टेक्नोलॉजीज के शेयर करीबन 4% तक गिरकर 88 रुपये पर बंद हुए हैं। कंपनी का आईपीओ जून 2023 में ₹237 के प्राइस बैंड पर लॉन्च हुआ था।
क्या है डिटेल
6 मई को जारी अंतरिम आदेश में, सेबी के पूर्णकालिक सदस्य अश्विनी भाटिया ने कहा, "जांच के दौरान सामने आए तथ्यों से पता चलता है कि कंपनी और FOCL के लीड मैनेजर ने IPO में जुटाई गई फंड को हड़पने की एक सुनियोजित योजना बनाई थी। एस्क्रो समझौते द्वारा दिए गए अधिकार के तहत काम करते हुए, FOCL ने प्राइमा फेसी इश्यू से संबंधित खर्चों को पूरा करने की आड़ में बैंकर को फंड ट्रांसफर करने के निर्देश जारी किए।" बता दें कि प्राइमा फेसी शब्द का आम इस्तेमाल केस पेश करने के प्री-ट्रायल चरण के दौरान होता है। इस चरण के दौरान, वादी को अपने केस की मूल बातें कोर्ट के सामने पेश करनी होती हैं। इश्यू मैनेजमेंट और अन्य IPO से संबंधित खर्चों के लिए ट्रांसफर की गई राशि, रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (RHP) में इश्यू खर्चों के लिए घोषित की गई राशि से 20 गुना अधिक थी। वास्तव में यह कंपनी द्वारा शेयरों के इश्यू के माध्यम से जुटाई गई कुल आय का आधा से भी अधिक था।
क्या है अन्य डिटेल
आदेश में, भाटिया ने बताया, "'इश्यू मैनेजमेंट शुल्क, अंडरराइटिंग और बिक्री कमीशन, रजिस्ट्रार शुल्क और अन्य आईपीओ से संबंधित खर्चों' को पूरा करने के लिए कथित तौर पर हस्तांतरित की गई राशि - ₹19 करोड़ - आरएचपी में इश्यू खर्च के रूप में बताए गए ₹80 लाख से बहुत अधिक थी और शेयरों के नए इश्यू (35.08 करोड़ रुपये) के माध्यम से सिनॉप्टिक्स द्वारा जुटाई गई कुल आय का 54% से अधिक और कुल इश्यू आकार (54.04 करोड़ रुपये) का 35% हिस्सा थी।"