HTLS 2020: शिक्षा सिर्फ रिपोर्ट कार्ड तक सीमित नहीं है: कस्तूरीरंगन
HTLS 2020: हिन्दुस्तान टाइम्स लीडरशिप समिट 2020 के तीसरे हफ्ते के पांचवें दिन आज यानी गुरुवार को इसरो के पूर्व चीफ कृष्णास्वामी कस्तूरीरंगन नई शिक्षा नीति पर बातचीत करने के लिए हिन्दुस्तान...
HTLS 2020: हिन्दुस्तान टाइम्स लीडरशिप समिट 2020 के तीसरे हफ्ते के पांचवें दिन आज यानी गुरुवार को इसरो के पूर्व चीफ कृष्णास्वामी कस्तूरीरंगन नई शिक्षा नीति पर बातचीत करने के लिए हिन्दुस्तान टाइम्स के एडिटर-इन-चीफ आर. सुकुमार के मुखातिब थे और साथ में इसी मुद्दे पर सेंट्रल स्क्वायर फाउंडेशन के संस्थापक और सीईओ आशीष धवन भी अपने विचार रखे। सवाल-जवाब के इस सिलसिले के बीच देश में डिजिटल विभाजन के बारे में कस्तूरीरंगन ने कहा कि प्रौद्योगिकी को मजबूत करने की आवश्यकता है, क्योंकि मौजूदा प्रणालियों में कमजोरियां हैं। डॉ. कस्तूरीरंगन ने कहा कि प्रौद्योगिकी और प्रौद्योगिकी का मूल्यांकन इस समय शिक्षा का महत्वपूर्ण पक्ष है। उन्होंने कहा, ''कई सवाल हैं, जैसे क्या हमारा एजुकेशन सिस्टम उस लायक है, जहां बच्चे अपने टीचर से नहीं मिलते, लेकिन इस समय टेक्नॉलजी सबसे अहम पक्ष है।
वहीं सेंट्रल स्क्वायर फाउंडेशन के संस्थापक और सीईओ आशीष धवन ने कहा कि महामारी की वजह से बहुत से बच्चे एक साल खो देंगे। स्कूल घर में बैठकर पढ़ने से कहीं अलग है। सभी लोगों के पास स्मार्टफोन, टीवी नहीं है। एजुकेशन सिस्टम में घर पर पढ़ाई का कोई पाठ्यक्रम ही नहीं था। महामारी में टीचर्स और पैरेंट्स के बीच संपर्क बढ़ा है। अब उनके पास सभी के नंबर हैं। इस चैनल का भविष्य में भी बेहतर इस्तेमाल हो सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि निजी स्कूलों को अधिक स्वायत्तता मिलनी चाहिए, लेकिन उन्हें और अधिक जवाबदेह होने की जरूरत है।
कस्तूरी रंगन नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के बारे बताते हुए कहते हैं कि युवाओं के बीच विकास एक समान नहीं है, एनईपी ने इसे बताने करने की कोशिश की है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति एक परिवर्तनकारी नीति है। इससे पहले, हमें बच्चे के विकास के सबसे महत्वपूर्ण शुरुआती आठ वर्षों में शिक्षा की प्रक्रिया से गुजरना पड़ा। नीति में कहा गया है कि बच्चे के जन्म के दिन से ही सीखना शुरू होता है। शिक्षा सिर्फ रिपोर्ट कार्ड तक सीमित नहीं है, इसे प्रतिनिधित्व करना चाहिए कि वास्तव में एक छात्र कौन है। कस्तूरीरंगन ने कहा कि नई शिक्षा नीति में त्रि-भाषा फॉर्मूला के लिए अधिक लचीलापन है। उन्होंने कहा, ''हमने त्रि-भाषा फॉर्मूला को नहीं बदला है। हम अधिक संख्या में भाषाओं को शामिल किया है।'' आशीष धवन ने कहा कि एनईपी एक लैंडमार्क दस्तावेज और नीति है, हम पीछे मुड़कर देखते हैं और कहते हैं कि इसने भारत की शिक्षा प्रणाली के रुख को बदल दिया। पहले यह पहुंच और इक्विटी के बारे में था, लेकिन अब हम वास्तव में परिणामों और गुणवत्ता पर केंद्रित हैं ।
हिंदुस्तान टाइम्स लीडरशिप समिट का सफर
हिंदुस्तान टाइम्स लीडरशिप समिट 2003 में लॉन्च हुआ था। उद्देश्य था महत्वपूर्ण क्षेत्रों में नेताओं के बीच बातचीत को प्रोत्साहित करना और अंतरराष्ट्रीय गुणवत्ता विचार-समाधान के उद्देश्य से मंच प्रस्तुत करना साथ में महत्वपूर्ण मुद्दों पर डिस्कशन के स्तर को बढ़ाना और इसी उद्देश्य के साथ पिछले 17 शिखर सम्मेलन में भारत और दुनिया भर के नेताओं द्वारा उपस्थिति इस मंच की उत्कृष्ट सफलता है। इनमें वरिष्ठ राजनेताओं, नौकरशाहों, राजनयिक, व्यावसायिक अधिकारी, विचारक, टिप्पणीकार और विश्लेषक शामिल थे। इन वर्षों में शिखर सम्मेलन भारत के सबसे प्रतिष्ठित और उत्सुकता से प्रतीक्षित मंचों में से एक बन गया है।
शिखर सम्मेलन के दो सफल संस्करणों को सिंगापुर में भी आयोजित किया जा चुका है, जहां राजनीतिक और आर्थिक उछाल और विश्व व्यवस्था के बदलते प्रतिमान के बीच, एशिया और पूर्व के अजेय उदय पर चर्चा करने के लिए क्षेत्र के शीर्ष नेता एक साथ एकत्र हुए। इस साल यानी इस दशक के अंत में दुनिया महामारी के साथ जूझ रही है। शिखर सम्मेलन का 18 वां संस्करण का उद्देश्य उन वार्तालापों को चलाना है, जिनसे मदद मिल सकती है। इस साल का शिखर सम्मेलन की थीम है, 'Defining a New Era' यह वर्चुअल समिट वैश्विक नेताओं को एक मंच पर साथ लाकर भारत और दुनिया के लिए आगे का ब्लूप्रिंट तैयार कर रहा है। यह 19 नवंबर, 2020 से शुरू होकर 4 सप्ताह तक हर गुरुवार और शुक्रवार लाइव चर्चा होगी।