'टैरिफ बम' से दुनियाभर के शेयर बाजारों में तबाही, ट्रंप टीम बोले- हमारे साथ भी बहुत गलत हुआ…
- Stock Market Crash: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ पॉलिसी से ग्लोबल इकोनॉमी पर मंदी का खतरा मंडरा रहा है। चारों तरफ ट्रंप की पॉलिसी की आलोचना हो रही है। दुनियाभर के शेयर बाजार क्रैश हो गए हैं। अमेरिका से लेकर भारत तक के बाजार अपने बुरे दौर से गुजर रहे हैं।

Stock Market Crash: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ पॉलिसी से ग्लोबल इकोनॉमी पर मंदी का खतरा मंडरा रहा है। चारों तरफ ट्रंप की पॉलिसी की आलोचना हो रही है। दुनियाभर के शेयर बाजार क्रैश हो गए हैं। अमेरिका से लेकर भारत तक के बाजार अपने बुरे दौर से गुजर रहे हैं। बावजूद ट्रंप अपनी पॉलिसीज को लेकर टस से मस नहीं हो रहे हैं। इस बीच, ट्रंप की टीम की तरफ से रविवार देर शाम एक बयान आया, जिसमें अपने टैरिफ एजेंडे पर कायम रहने की बात कही गई है। वहीं, दूसरी तरफ अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि 'कभी-कभी किसी चीज को ठीक करने के लिए दवा लेनी पड़ती है।' उन्होंने अपनी टैरिफ योजना से पीछे हटने के कोई संकेत नहीं दिए।
क्या है डिटेल, जानिए
ग्लोबल शेयर बाजार में भारी गिरावट के बाद ट्रंप की टीम के ट्रेजरी सचिव स्कॉट बेसेंट, कमर्शियल सचिव हॉवर्ड लुटनिक और अन्य ने रविवार को इस पर जोर दिया और ऐलान किया है कि ट्रंप अपने टैरिफ एजेंडे पर कायम रहेंगे, चाहे बाजार कितना भी रिएक्ट क्यों न करें। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के टॉप आर्थिक अधिकारियों ने महंगाई और मंदी के निवेशकों के डर को खारिज कर दिया। ग्लोबल टैरिफ के कारण बाजार में उथल-पुथल के लिए कोई माफी नहीं मांगी। कमर्शियल सचिव हॉवर्ड लुटनिक का कहना है कि टैरिफ कई हफ्तों तक लागू रहेंगे। लुटनिक ने कहा, 'ट्रंप टैरिफ ऐलान पर कोई मजाक नहीं कर रहे थे, यह जरूर लागू किया जाएगा।' जे.पी. मॉर्गन के अर्थशास्त्रियों ने शुक्रवार को कहा कि उन्हें उम्मीद है कि अमेरिका इस साल मंदी में फंस जाएगा, इसके बावजूद बेसेंट ने एनबीसी के मीट द प्रेस विद क्रिस्टन वेल्कर से कहा, "मुझे कोई कारण नहीं दिखता कि हमें मंदी में वैल्यू डिटरमिनेशन करना चाहिए।" बेसेंट का कहना है कि टैरिफ ऐलान के बाद से 50 से अधिक देशों ने अमेरिका के साथ बातचीत शुरू की है। बेसेंट ने कहा कि ये वे देश हैं, जो लंबे समय से हमारे साथ गलत व्यवहार कर रहे हैं। और यह ऐसा मामला नहीं है, जिसे कुछ दिनों या हफ्तों में बातचीत करके सुलझाया जा सके। हमें आगे का रास्ता देखना होगा, क्योंकि जब कोई देश 20, 30, 40 या 50 साल से गलत तरीकों पर चल रहा हो, तो आप एक झटके में सब कुछ साफ नहीं कर सकते हैं।
ग्लोबल मार्केट क्रैश
बता दें कि अमेरिका में मंदी की आशंका के बीच करीब दुनियाभर के शेयर बाजार क्रैश हो गए हैं। ट्रंप टैरिफ के ऐलान के बाद से अमेरिकी बाजार में भारी उथल-पुथल देखने को मिल रही है। पिछले सप्ताह सिर्फ दो दिन में अमेरिकी स्टॉक मार्केट में 5 ट्रिलियन डॉलर से अधिक की गिरावट देखी गई। एशियाई बाजारों में हांगकांग का हैंगसेंग करीब 11 प्रतिशत, जापान का निक्की 225 करीब सात प्रतिशत, चीन का शंघाई एसएसई कम्पोजिट छह प्रतिशत से अधिक और दक्षिण कोरिया का कॉस्पी पांच प्रतिशत की गिरावट में रहा। आज सोमवार को भारतीय शेयर बाजार करीबन 4000 अंक तक टूट गए।