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जीवाश्म ईधन के खिलाफ क्यों हैं दुनिया भर के बिजनेस लीडर्स

  • जीवाश्म ईधन के खिलाफ दुनिया भर के बिजनेस लीडर्स भी एकजुट होने लगे हैं। एक वैश्विक सर्वेक्षण में 15 देशों के बिजनेस लीडर्स ने कहा कि अब जीवाश्म ईधन को छोड़कर रिन्यूएबल एनर्जी की तरफ तेजी से आगे बढ़ने की जरूरत है।

Drigraj Madheshia हिन्दुस्तान टीमWed, 23 April 2025 05:50 AM
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जीवाश्म ईधन के खिलाफ क्यों हैं दुनिया भर के बिजनेस लीडर्स

जीवाश्म ईधन के खिलाफ दुनिया भर के बिजनेस लीडर्स भी एकजुट होने लगे हैं। एक वैश्विक सर्वेक्षण में 15 देशों के बिजनेस लीडर्स ने कहा कि अब जीवाश्म ईधन को छोड़कर रिन्यूएबल एनर्जी की तरफ तेजी से आगे बढ़ने की जरूरत है। यह सर्वे दुनिया की मध्यम और उच्च श्रेणी की कंपनियों के प्रमुखों के बीच किया गया। सर्वे के नतीजे बताते हैं कि हरित ऊर्जा को लेकर दुनिया टर्निंग प्वाइंट पर पहुंच चुकी है। बता दें जीवाश्म ईंधन, जैसे कोयला, कच्चा तेल और प्राकृतिक गैस, लाखों साल पहले मृत पौधों और जानवरों के अवशेषों से बनते हैं। ये पृथ्वी की सतह के नीचे दबे रहते हैं और हाई टेंपरेचर और प्रेशर के कारण ऊर्जा के स्रोत के रूप में बनते हैं।

क्या कह रहे 97 प्रतिशत बिजनेस लीडर्स

सर्वे के मुताबिक 97 प्रतिशत बिजनेस लीडर्स चाहते हैं कि सरकारें कोयला और अन्य पारंपरिक ईंधनों से हटकर सोलर, विंड और अन्य क्लीन एनर्जी की तरफ अपनी नीतियों को ले जाए। करीब 78 प्रतिशत ने साफ कहा कि वे 2035 या उससे पहले ही रिन्यूएबल एनर्जी आधारित बिजली प्रणाली लागू होते देखना चाहते हैं।

ऑपरेशन और सप्लाई चेन पर क्या पड़ेगा प्रभाव

सावंता संस्था द्वारा किए गए इस सर्वे के अनुसार ज्यादातर कंपनियों ने कहा कि अगर उनके देशों की सरकारें रिन्यूएबल एनर्जी की तरफ तेजी से नहीं बढ़तीं, तो वे अपना ऑपरेशन और सप्लाई चेन उन देशों में शिफ्ट कर सकती हैं, जहां ये सुविधाएं मौजूद हैं।

करीब 75 प्रतिशत प्रमुखों ने माना कि रिन्यूएबल एनर्जी से देश की ऊर्जा सुरक्षा मजबूत होगी और 77 प्रतिशत ने इसे आर्थिक प्रगति से जोड़ा। जर्मनी के 78 प्रतिशत लीडर्स ने कहा कि रिन्यूएबल पर शिफ्ट होने से उनका देश महंगे और अस्थिर ऊर्जा आयात से बच पाएगा।

इस सर्वेक्षण के दौरान भारत और इंडोनेशिया के 93 और 94 प्रतिशत कारोबारी नेताओं ने कहा कि कोयले से दूरी और रिन्यूएबल में निवेश ज़रूरी है।

ब्राजील के 89 प्रतिशत लीडर्स 2035 तक पूरी तरह रिन्यूएबल बिजली पर शिफ्ट होने का समर्थन करते हैं। ऑस्ट्रेलिया के 60 प्रतिशत लीडर्स ने कहा कि इससे नई नौकरियां बनेंगी, और अगर सरकार पीछे हटी तो निवेश का माहौल बिगड़ेगा।

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जीवाश्म ईंधन के प्रकार

कोयला: यह एक ठोस जीवाश्म ईंधन है जो मुख्य रूप से कार्बन से बना होता है।

तेल: यह एक लिक्विड जीवाश्म ईंधन है, जो मुख्य रूप से हाइड्रोकार्बन से बना होता है।

प्राकृतिक गैस: यह एक गैसीय जीवाश्म ईंधन है, जो मुख्य रूप से मीथेन से बना होता है।

जीवाश्म ईंधन का उपयोग: जीवाश्म ईंधन का उपयोग बिजली उत्पादन, वाहनों को चलाने और उद्योगों में ऊर्जा प्रदान करने के लिए किया जाता है। इसके अलावा जीवाश्म ईंधन का उपयोग प्लास्टिक, रबर, उर्वरक और अन्य रासायनिक उत्पादों के निर्माण के लिए भी किया जाता है।

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