CUET PG : BHU में नई शिक्षा नीति से पहली बार होंगे दाखिले, 137 कोर्स की फीस बढ़ी
बीएचयू में इस साल से राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के अंतर्गत प्रवेश शुरू होंगे। खास यह भी कि स्नातक चार वर्षीय पाठ्यक्रम के छात्रों को भी पीजी में प्रवेश का मौका मिलेगा।

बीएचयू में सीयूईटी पीजी के अंतर्गत पीजी पाठ्यक्रमों की प्रवेश प्रक्रिया जल्द शुरू हो जाएगी। शुक्रवार तक बीएचयू को नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) से अर्ह अभ्यर्थियों का डेटा मिलने की उम्मीद है। बीएचयू में इस साल से राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के अंतर्गत प्रवेश शुरू होंगे। खास यह भी कि स्नातक चार वर्षीय पाठ्यक्रम के छात्रों को भी पीजी में प्रवेश का मौका मिलेगा।
एनटीए की तरफ से मंगलवार को सीयूईटी पीजी के परिणाम जारी होने के बाद बीएचयू ने स्नातकोत्तर प्रवेश की तैयारियां शुरू कर दी हैं। प्रवेश प्रक्रिया के अंतर्गत बीएचयू अर्ह और विकल्प के रूप में विश्वविद्यालय को चुनने वाले छात्रों के लिए प्रवेश लिंक जारी करेगा। प्रवेश पंजीकरण के बाद तय तिथियों पर छात्रों का ऑनलाइन और ऑफलाइन वेरिफिकेशन कराया जाएगा। 137 पीजी पाठ्यक्रमों में विशेष पाठ्यक्रमों सहित पेड सीट पर भी फीस में इस बार वृद्धि की गई है।
नई शिक्षा नीति के तहत स्नातक चार वर्षीय कोर्स करने वाले छात्रों को सीधे पीएचडी का प्रावधान किया गया है। इसके बावजूद स्नातक चार वर्षीय पाठ्यक्रम पूरा करने वाले छात्रों के लिए पीजी प्रवेश लेने की भी व्यवस्था की गई है। इसके अलावा द्वितीय सेमेस्टर में पहुंच गए छात्रों को नई शिक्षा नीति के तहत दोबारा प्रवेश परीक्षा में बैठने की व्यवस्था भी की गई है।
विद्यापीठ में बीकॉम इन रिटेल ऑपरेशंस कोर्स
वाराणसी। विद्यापीठ के वाणिज्य विभाग में नए सत्र से बीकॉम इन रिटेल ऑपरेशंस मैनेजमेंट पाठ्यक्रम की शुरुआत की जाएगी। गुरुवार को कुलसचिव डॉ. सुनीता पांडेय के निर्देशन में कोर्स के क्रियान्वयन के लिए कार्यक्रम आयोजित हुआ। सेंटर फॉर रिसर्च इन स्कीम्स ऐंड पॉलिसीज (क्रिस्प) की तरफ से विशेषज्ञों ने अप्रेंटिसशिप एंबेडेड डिग्री प्रोग्राम (एआईडीपी) के अंतर्गत इस पाठ्यक्रम की जानकारी दी। क्रिस्प यूपी की सीनियर एसोसिएट दिव्या मलकार और फेलो निहारिका ने बताया कि यह पाठ्यक्रम विद्यार्थियों के पारंपरिक कक्षा अध्ययन के साथ उद्योग में व्यावहारिक अनुभव भी देता है। मौके पर संकायाध्यक्ष प्रो. सुधीर कुमार शुक्ल, विभागाध्यक्ष प्रो. अजीत कुमार शुक्ल, प्रो. केके अग्रवाल आदि रहे।