रोशनी ने मिटा दिया अंधेरा,छत्तीसगढ़ के इस गांव को सात दशक बाद मिला बिजली का सुख
- छत्तीसगढ़ के एक दूरजराज गांव को सात दशकों के लंबे इंतजार के बाद आज जाकर बिजली नसीब हुई है। अधिकारियों ने रविवार को बताया कि माओवाद प्रभावित बीजापुर जिले के सुदूर गाँव तिमेनार में स्थानीय लोग बुनियादी सुविधाओं के बिना अंधेरे में जीवन यापन कर रहे थे।

छत्तीसगढ़ के एक दूरजराज गांव को सात दशक के लंबे इंतजार के बाद आज जाकर बिजली नसीब हुई है। अधिकारियों ने रविवार को बताया कि माओवाद प्रभावित बीजापुर जिले के सुदूर गांव तिमेनार में स्थानीय लोग बुनियादी सुविधाओं के बिना अंधेरे में जीवन यापन कर रहे थे।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि तिमेनार का विद्युतीकरण बस्तर के दूरदराज के क्षेत्रों में शासन और विकास के एक नए युग की शुरुआत का संकेत है। एक सरकारी बयान में कहा गया कि भैरमगढ़ विकास खंड में बेचापला गांव पंचायत के विस्तार,गांव के सभी 53 घरों को मुख्यमंत्री की मंझरा-टोला विद्युतीकरण योजना के तहत आजादी के 77 साल बाद पहली बार विद्युतीकृत किया गया है।
सीएम ऑफिस की ओर से आगे कहा गया कि इस उल्लेखनीय उपलब्धि का मतलब है कि माओवादी आतंक का अंत और क्षेत्र में विकास,शांति और समृद्धि की शुरुआत तिमेनार के निवासी मशराम,पांड्रू कुंजाम,मंगली और प्रमिला ने अपनी खुशी व्यक्त करते हुए कहा कि उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि वे बिजली की रोशनी देखेंगे,लेकिन निराशा की जगह उम्मीद ने ले ली है।
निवासियों ने कहा कि बिजली आने से डर और असुरक्षा का माहौल खत्म हो गया है और यह उनके जीवन की गुणवत्ता में सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने कहा कि पहली बार हमारे गांव में बिजली आई है। हमें अब रात के अंधेरे का डर नहीं है और हम जंगली जानवरों,सांपों और बिच्छुओं के खतरों से मुक्त हैं। हमारे बच्चे अब आसानी से पढ़ाई कर सकते हैं और आखिरकार हमें लगता है कि हम विकास के रास्ते पर हैं। विज्ञप्ति के अनुसार,गांव में सड़कें,स्वास्थ्य सेवा और शिक्षा सुविधाओं जैसे बुनियादी ढांचे को भी मजबूत किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि उनकी सरकार हर "मंझरा-टोला" (बस्तियों) को विद्युतीकृत करने और माओवाद प्रभावित क्षेत्रों में विकास में तेजी लाने के लिए प्रतिबद्ध है। जहां कभी माओवादी आतंक की छाया थी,वहां विकास की किरणें चमक रही हैं। यह परिवर्तन एक सच्ची जीत है। तिमेनार का विद्युतीकरण बस्तर के दूरदराज के क्षेत्रों में शासन और विकास के एक नए युग की शुरुआत का संकेत है। यह क्षेत्र अब माओवादी हिंसा के डर से मुक्त होकर समृद्धि और प्रगति की ओर बढ़ रहा है।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि नरेंद्र मोदी सरकार नक्सलियों के खिलाफ निर्मम दृष्टिकोण के साथ आगे बढ़ रही है और उन माओवादियों के खिलाफ शून्य-सहिष्णुता नीति अपना रही है जिन्होंने आत्मसमर्पण से लेकर समावेशन तक की सुविधाएं दिए जाने के बावजूद आत्मसमर्पण नहीं किया है। उन्होंने घोषणा की कि देश 31 मार्च, 2026 तक नक्सल मुक्त हो जाएगा। इस साल छत्तीसगढ़ में अलग-अलग मुठभेड़ों में 113 नक्सली मारे गए हैं। इनमें से 97 को बस्तर संभाग में मार गिराया गया, जिसमें बीजापुर सहित सात जिले शामिल हैं।
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