छत्तीसगढ़ में और तेज होगा नक्सल विरोधी अभियान, सुरक्षाबलों ने की एक और मोर्चे पर चुनौती देने की तैयारी
अधिकारी ने बताया कि शिविर की स्थापना के बाद नारायणपुर जिला पुलिस और बीएसएफ ने पांगुड़ में एक दिवसीय सामुदायिक पुलिसिंग शिविर का आयोजन किया, जिसमें दो सौ से अधिक ग्रामीणों ने हिस्सा लिया।

छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित नारायणपुर जिले के अबूझमाड़ में नक्सल विरोधी अभियान और सड़क निर्माण कार्यों में तेजी लाने के लिए छत्तीसगढ़ पुलिस और सीमा सुरक्षाबल ने रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण पांगुड़ गांव में शिविर की स्थापना की है। पुलिस अधिकारियों ने शनिवार को इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि 29 अप्रैल को गांव में छत्तीसगढ़ पुलिस और सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने संयुक्त रूप से 'सुरक्षा एवं जन सुविधा शिविर' स्थापित किया। उन्होंने बताया कि इसके साथ ही इस साल अब तक जिले में 14 नए सुरक्षा शिविर स्थापित किए जा चुके हैं।
पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यहां बताया कि इस शिविर का उद्देश्य क्षेत्र में नक्सल रोधी अभियान को तेज करना और सोनपुर-ढोढरीबेड़ा-मसपुर-होरादि-गारपा- कान्दुलनार-पांगुड गांवों से कोंगें-सितरम-मरोडा गांवों तक सड़क निर्माण कार्य को सुगम बनाना है, जिससे आंतरिक क्षेत्रों के लोगों को मुख्यधारा से जोड़ा जा सके।
अधिकारी ने बताया कि राज्य सरकार की 'नियद नेल्लनार' (आपका अच्छा गांव) योजना के तहत शिविर के आसपास के गांवों में विकास कार्यों को सुगम बनाने के उद्देश्य से पांगुड़ के आसपास के क्षेत्र में सड़क, पानी, पुल, शिक्षा, चिकित्सा, मोबाइल नेटवर्क कनेक्टिविटी और अन्य बुनियादी सुविधाओं का विस्तार किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि यह शिविर कोंडागांव-नारायणपुर को अबूझमाड़ से सितरम और फिर महाराष्ट्र तक जोड़ने वाली एक महत्वपूर्ण सड़क के निर्माण के लिए सुरक्षा सुनिश्चित करने में भी मदद करेगा।
अधिकारी ने बताया कि शिविर की स्थापना के बाद नारायणपुर जिला पुलिस और बीएसएफ ने पांगुड़ में एक दिवसीय सामुदायिक पुलिसिंग शिविर का आयोजन किया, जिसमें पांगुड़, कोगे, सितरम, बिनागुंडा, कोरोनार और वाला गांव के दो सौ से अधिक ग्रामीणों ने भाग लिया।
उन्होंने बताया, 'ग्रामीणों ने पुलिस से कहा कि वे नक्सलवाद का समर्थन नहीं करेंगे और विकास कार्यों में सहयोग करेंगे। उन्होंने बिजली, नल का पानी, शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क आदि जैसी बुनियादी सुविधाओं की भी मांग की, जिन्हें जल्द ही पूरा करने का आश्वासन दिया गया।'
बता दें कि 2023 में भाजपा के सत्ता में आने के बाद छत्तीसगढ़ में नक्सल विरोधी अभियान तेज हो गए हैं। साथ ही केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के मुताबिक केंद्र सरकार ने मार्च 2026 तक नक्सलवाद को समाप्त करने का संकल्प लिया है।
सुरक्षाबलों ने पिछली जनवरी से बस्तर क्षेत्र में कई मुठभेड़ों में 350 से अधिक नक्सलियों को मार गिराया है। इस साल अब तक राज्य में अलग-अलग मुठभेड़ों में 145 नक्सली मारे गए हैं। इनमें से 128 बस्तर संभाग में मारे गए। बस्तर संभाग में नारायणपुर सहित सात जिले शामिल हैं।
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