IMF से कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यन की विदाई, कार्यकाल खत्म होने से पहले ही सरकार ने वापस बुलाया
भारत सरकार ने आईएमएफ में अपने नामित एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यन की सेवाएं अचानक खत्म कर दीं। गौरतलब है कि उनके तीन साल के कार्यकाल में अभी छह महीने बाकी थे।

भारत सरकार ने इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड (आईएमएफ) में अपने प्रतिनिधि और एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर डॉक्टर कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यन की नियुक्ति को फौरन प्रभाव से खत्म कर दिया है। यह फैसला 30 अप्रैल 2025 को नियुक्ति मामलों की कैबिनेट समिति (एसीसी) ने लिया। सुब्रमण्यन को 2022 में तीन साल के कार्यकाल के लिए आईएमएफ बोर्ड में भारत की ओर से नामित किया गया था। गौरतलब है कि उनका कार्यकाल खत्म होने में छह महीने बाकी थे।
सरकारी आदेश में कहा गया, “कैबिनेट की नियुक्ति समिति ने डॉ. कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यन की आईएमएफ में एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर (भारत) के तौर पर सेवाएं तत्काल प्रभाव से समाप्त करने को मंजूरी दी है।”
किताब का प्रमोशन बनी विदाई की वजह?
मीडिया रिपोर्ट्स के सुब्रमण्यन पर अपनी हालिया किताब 'India @100' के प्रचार में अपने आधिकारिक पद का दुरुपयोग करने का आरोप है। इसके अलावा उन्होंने आईएमएफ के कुछ डेटा सेट्स पर सवाल उठाए थे, जिसे संस्था के भीतर अच्छी नजर से नहीं देखा गया। सुब्रमण्यन ने नवंबर 2022 में आईएमएफ में अपना कार्यभार संभाला था। इस पद पर वो भारत के साथ-साथ बांग्लादेश, श्रीलंका और भूटान का भी प्रतिनिधित्व कर रहे थे। अब 3 मई तक आईएमएफ की वेबसाइट पर यह पद यानी खाली दिखाया जा रहा है।
सरकार तलाश रही चेहरा
बताया जा रहा है कि भारत सरकार ने अब इस अहम पद के लिए नए प्रतिनिधि की तलाश शुरू कर दी है। गौरतलब है कि सुब्रमण्यन 2018 से 2021 तक भारत सरकार के मुख्य आर्थिक सलाहकार रहे थे। उन्होंने शिकागो विश्वविद्यालय के बूथ स्कूल ऑफ बिजनेस से वित्तीय अर्थशास्त्र में पीएचडी की डिग्री हासिल की है।