रोहित-कोहली के जल्दी रिटायर होने पर भड़के योगराज सिंह, बोले- 50 साल की उम्र तक…
योगराज सिंह ने रोहित और कोहली के रिटायरमेंट पर सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि महानतम खिलाड़ियों को 50 साल की उम्र तक क्रिकेट खेलनी चाहिए। उनका मानना है कि इन दोनों खिलाड़ियों में अभी बहुत क्रिकेट बाकी था।

रोहित शर्मा और विराट कोहली के अचानक टेस्ट क्रिकेट से रिटायर होने पर हर कोई हैरान है। इन दोनों सीनियर खिलाड़ियों की गैरमौजूदगी में टेस्ट टीम एकदम युवा दिखाई दे रही है, वहीं नए कप्तान का भी अभी कुछ अता-पता नहीं है। ऐसे में पूर्व क्रिकेटर योगराज सिंह ने रोहित और कोहली के रिटायरमेंट पर सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि महानतम खिलाड़ियों को 50 साल की उम्र तक क्रिकेट खेलनी चाहिए। उनका मानना है कि इन दोनों खिलाड़ियों में अभी बहुत क्रिकेट बाकी था, दोनों ही दिग्गजों ने टेस्ट क्रिकेट को जल्दी अलविदा कह दिया, इससे टीम इंडिया को नुकसान होगा।
योगराज सिंह ने एएनआई से कहा, "विराट एक बड़े खिलाड़ी हैं, इसलिए यह निश्चित रूप से नुकसान होगा। जब 2011 में कई खिलाड़ियों को या तो हटा दिया गया, रिटायर कर दिया गया, या उन्हें रिटायर होने के लिए मजबूर किया गया, तो टीम बिखर गई और अभी तक वापस खड़ी नहीं हो पाई है।"
हालांकि उन्होंने स्वीकार किया कि हर किसी का समय आता है।
योगराज का मानना है कि कोहली और रोहित दोनों में अभी भी क्रिकेट बचा है। उन्होंने जोर देकर कहा, "मुझे लगता है कि विराट और रोहित में अभी भी बहुत क्रिकेट बचा है। मैंने युवी (युवराज सिंह) से कहा था कि जब वह रिटायर हो रहा था तो यह सही कदम नहीं था। जब कोई चलने में असमर्थ हो तो उसे मैदान से दूर चले जाना चाहिए।"
कोहली और रोहित के रिटायर होने के बाद अब टेस्ट सर्किट में युवाओं से भरी एक टीम दिखाई देगी। इस पर योगजार सिंह ने कहा, "आप युवाओं से भरी टीम बनाते हैं, यह हमेशा बिखर जाती है। शायद विराट को लगता है कि उसके पास हासिल करने के लिए और कुछ नहीं बचा है।"
रोहित शर्मा को लेकर वह बोले, "मुझे लगता है कि रोहित शर्मा को रोजाना उन्हें प्रेरित करने के लिए सिर्फ एक व्यक्ति की जरूरत थी, उदाहरण के लिए, सुबह 5 बजे दौड़ने के लिए जाना। रोहित (शर्मा) और वीरेंद्र सहवाग दो ऐसे लोग हैं जिन्होंने बहुत जल्दी संन्यास ले लिया। महानतम खिलाड़ियों को 50 साल की उम्र तक खेलना चाहिए... मैं उनके संन्यास से दुखी हूं क्योंकि अब युवाओं को प्रेरित करने वाला कोई नहीं बचा है।"