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निम्रत कौर ने याद किया आतंकियों के हाथों पिता को खोने का दर्द, बोलीं- मुझे एक साल बाद पता चला कि…

निम्रत कौर जब 11 साल की थीं तो उनके पिता को आतंकवादियों ने मार दिया था। उस वक्त उनकी उम्र महज 44 साल थी। निम्रत ने बताया कि उनकी मां सदमे में थीं और वह खुद उम्र से पहले बड़ी हो गईं।

Kajal Sharma लाइव हिन्दुस्तानMon, 19 May 2025 12:43 PM
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निम्रत कौर ने याद किया आतंकियों के हाथों पिता को खोने का दर्द, बोलीं- मुझे एक साल बाद पता चला कि…

निम्रत कौर ने अपने पिता को आतंकवाद के हाथों कश्मीर में खो दिया था। उन्होंने पुराना वक्त याद करके कहा कि पिता के गुजरने के बाद वह जल्दी बड़ी हो गईं। उनकी मां सदमे में थीं। निम्रत ने बताया कि पिता के शहीद होने के एक साल बाद अहसास हुआ कि जिंदगी किस हद तक बदल गई।

बनना चाहती थी बच्ची

निम्रत जूम से बात कर रही थीं। उन्होंने वो वक्त याद किया जब उनके पिता शहीद हो गए थे और मां कम उम्र में ही विधवा हो गई थीं। पिता उस वक्त 44 साल के थे और मां 35 के ऊपर। निम्रत बोलीं, 'मेरी मां अपने जीवन के अलग उतार-चढ़ाव से जूझ रही थीं, उनके मन में गहरा सदमा था। मैं अपने तरीके से उनका साथ देने की कोशिश कर रही थी। सोच रही थी कि मुझे नॉर्मल रहना चाहिए, स्ट्रॉन्ग रहना चाहिए। पर कई बार आप स्ट्रॉन्ग नहीं होना चाहते, आप बच्चे बनना चाहते हैं, दूसरे बच्चों की तरह गलतियां करना चाहते हैं। ऐसी कई चीजें हमसे छिन गई थीं। मैं बहुत जल्दी बड़ी हो गई थी।'

बाद में हुआ असर

निम्रत आगे बताती हैं, 'मैंने अपने पिता को आतंकियों के हाथों उस वक्त खो दिया था जब मैं 11 साल की थी। एक पेरेंट को खोने का ये हिंसक और अजीब तरीका था, उस वक्त से हर चीज बदल गई। जो हुआ उसका मुझ पर तुरंत असर नहीं हुआ। शायद यह काफी बाद में अंदर तक पहुंचा।'

बेटी पैदा होने पर मनाई थी खुशी

निम्रत ने बताया, 'मुझे 1 साल बाद पता चला कि उनके बिना बड़े होने का क्या मतलब है- आपके जीवन के पहले पुरुष, आपके पिता। वह बहुत अच्छे पिता थे, अपनी बेटियों पर बहुत गर्व था। जब मैं पिलानी में पैदा हुई तो किसी ने कहा, 'अरे आपको बेटी हुई है।' वह बोले, 'मैं इसीलिए तो खुशी मना रहा हूं- क्योंकि मेरे बेटी हुई है।' उन 11 सालों में उन्होंने जो परवरिश और आजादी दी, उनसे ही मैं वो बन सकी जो आज हूं।

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