हिंदुओं अलग हो जाओ और सबको गोली मार दी;मृतक शैलेश कलथिया के बेटे ने सुनाई आपबीती
बेटे ने आगे कहा कि हमें तो लगा कि हम गए,लेकिन किसी तरह बच गए। मम्मी और बहन ने हमें घोड़े से भेजा और ये लोग पैदल आए। मम्मी मेरी पापा को छोड़कर नहीं जा रही थी,फिर हम दोनों के लिए उन्हें जाना पड़ा। उन्होंने तीन बार कलमा पढ़ा और मुसलमान बोला।

पहलगाम आतंकी हमले में जान गंवाने वाले उन 26 बेगुनाहों के परिवारवाले सिर्फ एक बात बता रहे हैं,आतंकियों ने पुरुषों से कलमा पढ़ने को कहा, धर्म चेक करने के लिए पैंट तक खोली और गैर मुस्लिम होने पर जान ले ली। सूरत के शैलेश कलथिया भी उन 26 लोगों में से एक थे,जिनकी कायरों ने हत्या कर दी। शैलेश के बेटे ने मीडिया के सामने उस भयावह मंजर की कहानी सुनाई है। उसने बताया कि पहलगाम के बैसरन वैली में पिकनिक मनाने आए लोगों को हिंदू और मुसलमानों के नाम पर अलग किया गया और हिंदुओं को गोली मार दी। बेटे ने बताया कि वो सभी कलमा पढ़ने को भी कह रहे थे।
मीडिया से बात करते हुए शैलेश कलथिया ने बताया कि कश्मीर बहुत अच्छी जगह है। हम पहलगाम गए थे। वहां हमें घोड़ों से जाना होता है। हमारे वहां (घटनास्थल )पहुंचने के 10 मिनट के अंदर ही आतंकवादी वहां आ गए। बेटे ने आगे बताया कि हम भागकर छिप गए, लेकिन उन्होंने हमें खोज लिया। हमें तो दो ही दिखे। उनमें से एक ने कहा कि हिंदू और मुसलमान अलग-अलग हो जाओ। हिंदू पुरुषों को गोली मार दी,इसके बाद वो सब भाग गए। बाद में आए लोगों ने हमें भागने को कहा।
बेटे ने आगे कहा कि हमें तो लगा कि हम गए,लेकिन किसी तरह बच गए। मम्मी और बहन ने हमें घोड़े से भेजा और ये लोग पैदल आए। मम्मी मेरी पापा को छोड़कर नहीं जा रही थी,फिर हम दोनों के लिए उन्हें जाना पड़ा। उन्होंने तीन बार कलमा पढ़ा और मुसलमान बोला। शैलेश के बेटे ने कहा कि उन्होंने हमसे कहा कि सरकार तो गई हुई है। बेटे ने कहा कि इतना बड़ा आतंकी हमला हो गया,किसी को कुछ पता ही नहीं है।
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