Surveyor found dead five days after going missing in Rann of Kutch in Gujarat गुजरात के रेगिस्तान में 5 दिन से लापता सर्वेयर का शव मिला, पुलिस ने बताई मौत की हैरान करने वाली वजह, Gujarat Hindi News - Hindustan
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गुजरात के रेगिस्तान में 5 दिन से लापता सर्वेयर का शव मिला, पुलिस ने बताई मौत की हैरान करने वाली वजह

  • पुलिस को मिली जानकारी के अनुसार जब ड्राइवर पानी की बोतल लेने के लिए वापस चला गया, तो पाल ने सर्वेक्षण जारी रखा। हालांकि कुछ ही दूर चलने के बाद चेलाराम भी थक गया और उसने आगे चलने से मना कर दिया। ऐसे में पाल ने खुद ही आगे बढ़ते हुए अपना काम पूरा करने का फैसला किया।

Sourabh Jain पीटीआई, गांधी धाम, गुजरातFri, 11 April 2025 06:56 PM
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गुजरात के रेगिस्तान में 5 दिन से लापता सर्वेयर का शव मिला, पुलिस ने बताई मौत की हैरान करने वाली वजह

गुजरात में 'कच्छ के रण' इलाके से 5 दिन पहले लापता हुए एक शख्स का शव रेगिस्तान में मिला है। मृतक का नाम अर्नब पाल (55) है, जो कि पश्चिम बंगाल के रहने वाले थे और एक निजी फर्म के लिए सर्वेयर का काम करते थे। वह काम के सिलसिले में ही इस इलाके में आए थे और अचानक लापता हो गए थे। पुलिस के अनुसार उन्हें आखिरी बार 6 अप्रैल को जीवित अवस्था में देखा गया था। इस मामले की जानकारी देते हुए पुलिस ने बताया कि शख्स का शव कच्छ जिले के रापर तालुका के बेला गांव के पास मिला।

पुलिस इंस्पेक्टर जेबी बुबादिया ने बताया कि शुरुआती जांच से पता चला है कि अर्नब पाल सड़क सर्वेक्षण का काम करने यहां आए थे और इसी दौरान रेगिस्तान में रास्ता भटक गए। जिसके बाद पानी नहीं मिलने की वजह से हुए डिहाइड्रेशन की वजह से उनकी मौत हो गई। बुबादिया ने आगे कहा 'इस विशाल रेगिस्तान में रास्ता भटकने के बाद पाल पांच दिनों में लगभग 15 किलोमीटर चले होंगे। डॉक्टर्स का कहना है कि इस दौरान शरीर में पानी की कमी के चलते उनकी मौत हो गई।' पुलिस अधिकारी ने आगे बताया कि मौत की बिल्कुल सही वजह का पता लगाने के लिए हमने डॉक्टरों के पैनल से पोस्टमार्टम कराने का फैसला किया है।

बता दें कि 'कच्छ का रण' गुजरात के कच्छ जिले में स्थित थार रेगिस्तान में नमक दलदल का एक बड़ा क्षेत्र है। पुलिस अधिकारी ने बताया कि पाल एक निजी फर्म में सर्वेक्षणकर्ता थे और यहां पर एक सौर परियोजना के लिए जमीन का सर्वेक्षण करने आए थे। वह अपने सहायक चेला राम और ड्राइवर के साथ 6 अप्रैल को बेला बॉर्डर आउटपोस्ट (BoP) पर पहुंचे थे।

आगे अधिकारी ने कहा, 'बेला BoP पर पहुंचने के बाद ये तीनों अपने वाहन से रेगिस्तान में कुछ आगे तक चले गए। फिर आगे सड़क खत्म होने पर उन्होंने पैदल चलना शुरू कर दिया। कुछ दूर जाने के बाद उन्हें जोरों की प्यास लगी, हालांकि उनके पास पानी नहीं होने की वजह से पाल और चेला राम ने अपने साथ मौजूद ड्राइवर से वाहन से पानी लाने को कहा।'

पुलिस को मिली जानकारी के अनुसार जब ड्राइवर पानी की बोतल लेने के लिए वापस चला गया, तो भी ये दोनों चलते रहे, क्योंकि पाल सर्वेक्षण जारी रखना चाहते थे। हालांकि कुछ ही दूर चलने के बाद चेलाराम थक गया और उसने आगे चलने से मना कर दिया। ऐसे में पाल ने खुद ही आगे बढ़ते हुए अपना काम पूरा करने का फैसला किया।

कुछ देर बाद जब उनका ड्राइवर पानी लेकर लौटा, तो चेलाराम ने पाल को ढूंढने की कोशिश की, लेकिन वह कहीं नहीं दिखाई दिए। पुलिस ने बताया, 'इसके बाद ड्राइवर और चेलाराम वहां बेला बॉर्डर आउटपोस्ट पर स्थित सीमा सुरक्षा बल के कैम्प पहुंचे और पाल को ढूंढने में उनसे मदद मांगी। जिसके बाद पुलिस और बीएसएफ की संयुक्त टीम ने उनकी तलाश शुरू की और ड्रोन का इस्तेमाल करते हुए उन्हें खोजा, हालांकि उनका पता नहीं चला। फिर गुरुवार शाम को स्थानीय पुलिस ने उनका शव ढूंढ निकाला।'

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