एईएस : 13 जिलों में 15 वर्ष तक के बच्चों की बीमारियों का बनेगा डाटा
बिहार स्वास्थ्य विभाग ने एईएस के लिए नया मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी-2025) जारी किया है। यह एसओपी 13 जिलों में भेजा जाएगा। नए एसओपी में बच्चों की बीमारियों, टीकाकरण और कुपोषण का ब्योरा तैयार करने की...

मुजफ्फरपुर, मृत्युंजय। एईएस को लेकर राज्य स्वास्थ्य विभाग ने मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) में बदलाव किया है। नए एसओपी को छपने के लिए भेजा गया है। इसका नाम एईएस एसओपी-2025 रखा गया है। अब तक एसओपी-2024 से एईएस पीड़ितों का इलाज हो रहा था। मलेरिया विभाग के राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ. अनिल कुमार ने बताया कि एक सप्ताह के अंदर नए एसओपी को एईएस प्रभावित 13 जिलों में भेजा जाएगा।
वहीं, राज्य मलेरिया विभाग के अधिकारी संजय कुमार ने बताया कि नए एसओपी में इलाज संबंधी कोई बदलाव नहीं हुआ है। इसमें एक से 15 वर्ष तक के बच्चों की बीमारियों, टीकाकरण और चमकी पहले कभी हुआ या नहीं इसका ब्योरा तैयार करने की बात है। आशा कार्यकर्ताओं को जिम्मेदारी दी जाएगी कि वह अपने-अपने पोषक क्षेत्र में जाकर बच्चों का ब्योरा तैयार करें और उसकी रिपोर्ट मुख्यालय को भेजें।
नए एसओपी में ट्रेनिंग की बनेगी चेक लिस्ट :
नए एसओपी में एईएस को लेकर होने वाली ट्रेनिंग की चेक लिस्ट बनाई जाएगी। एईएस को लेकर बनी चेक लिस्ट में 15 से 20 मुद्दे हैं। इसमें बताया जाएगा कि एईएस को लेकर नोडल कौन होंगे। चेक लिस्ट में पूरी ट्रेनिंग का लब्बोलुबाब होगा। इसमें दिया रहेगा कि आशा कार्यकर्ताओं को चमकी के लक्षण और इलाज के बारे में जानकारी है या नहीं, ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को चमकी के लक्षण और इलाज के बारे में जानकारी है या नहीं। आशा को जानकारी है कि गांव में सब लोगों के साथ बैठक करनी है। एंबुलेंस तकनीशियनों को इलाज के बारे में बताया गया है या नहीं। चेक लिस्ट की लगातार निगरानी की जाएगी।
दूसरे विभागों के साथ होने वाले कामों का रहेगा ब्योरा :
एईएस की नए एसओपी में स्वास्थ्य और दूसरे विभाग क्या काम करेंगे। विभागों के साथ समन्वयक में क्या-क्या गतिविधियां होंगी, इसके बारे में भी ब्योरा रहेगा। एईएस को लेकर कई विभाग मिलकर काम करते हैं। नए एसओपी में बताया गया कि एईएस को लेकर आईसीडीएस, पंचायती राज, शिक्षा विभाग का क्या-क्या काम होगा।
बच्चे कुपोषित हैं या नहीं इसकी भी बनेगी रिपोर्ट :
नए एसओपी में आशा कार्यकर्ता अपने पोषण क्षेत्र में जाकर देखेंगी उनके यहां कितने बच्चे कुपोषित हैं। उनके क्षेत्र में कितने बच्चों को अब तक चमकी बुखार हुआ है। कितने बच्चों को जेई के दोनों टीके लगे हैं। बच्चे को कोई दूसरी बीमारी तो नहीं है। आशा गांव वालों को दस मुद्दों पर एईएस के बारे में जानकारी देंगी।
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