Ashok Khemka may get into trouble in Vadra-DLF land deal case Election Commission takes cognizance of complaint वाड्रा-DLF लैंड डील मामले में मुश्किल में पड़ सकते हैं अशोक खेमका, चुनाव आयोग ने शिकायत का लिया संज्ञान, Haryana Hindi News - Hindustan
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वाड्रा-DLF लैंड डील मामले में मुश्किल में पड़ सकते हैं अशोक खेमका, चुनाव आयोग ने शिकायत का लिया संज्ञान

राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने आईएएस अधिकारी एवं रोहतक मंडलायुक्त संजीव वर्मा की शिकायत पर संज्ञान लेते हुए हरियाणा के मुख्य सचिव को कार्रवाई की हिदायत दी है।

Himanshu Tiwari लाइव हिन्दुस्तान, चंडीगढ़Tue, 30 April 2024 09:27 PM
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वाड्रा-DLF लैंड डील मामले में मुश्किल में पड़ सकते हैं अशोक खेमका, चुनाव आयोग ने शिकायत का लिया संज्ञान

वाड्रा-डीएलएफ लैंड डील मामले को उजागर करने वाले हरियाणा के वरिष्ठ आईएएस अधिकारी डॉ. अशोक खेमका अपने एक्स पर लिखे पोस्ट को लेकर मुश्किल में पड़ सकते हैं। राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने आईएएस अधिकारी एवं रोहतक मंडलायुक्त संजीव वर्मा की शिकायत पर संज्ञान लेते हुए हरियाणा के मुख्य सचिव को कार्रवाई की हिदायत दी है। सरकार इस मामले में खेमका से स्पष्टीकरण मांग सकती है। खेमका ने 6 अप्रैल को एक्स हैंडिल पर वाड्रा-डीएलएफ लैंड डील मामले में अपना दर्द बयान किया था। उससे पहले लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लागू हो गई थी। संजीव वर्मा ने अपनी शिकायत में इन बिंदुओं को आधार बनाया है।

सरकारी सेवक होते हुए सरकार की आलोचना करने का आरोप
हरियाणा के दो आईएएस अफसरों डॉ. अशोक खेमका और संजीव वर्मा में काफी समय से विवाद चल रहा है। दोनों एक्स पर एक-दूसरे के ​खिलाफ मोर्चा खोले रहते हैं। वहीं अब यह मामला चुनाव आयोग तक पहुंच गया है। आईएएस संजीव वर्मा ने खेमका के खिलाफ चुनाव आयोग और मुख्य सचिव को शिकायत भेजी है। शिकायत में आरोप लगाया गया है कि खेमका ने वाड्रा लैंड डील को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सीधे टारगेट किया है। खेमका एक सरकारी सेवक होते हुए भी सरकार की ही आलोचना कर रहे हैं। उनकी यह पोस्ट तब आई है, जब सूबे में लोकसभा चुनाव की आदर्श आचार संहिता लागू हो चुकी थी।

वर्मा ने लिखा है कि हरियाणा में 25 मई को वोटिंग होनी है इसलिए, चुनाव के मद्देनजर सोशल मीडिया पर सरकारी कर्मचारी का ऐसा संदेश घृणित और विवादास्पद है। यह संदेश न केवल मतदाताओं को उत्तेजित करेगा, बल्कि शत्रुता या घृणा की भावनाओं को भी बढ़ावा देगा। यह एक तरह से आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन है। उनके खिलाफ लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 123 और 125 और आईपीसी की धारा 153ए के तहत कार्रवाई की जाए। सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन का हवाला देते हुए लिखा कि 17 जनवरी, 2024 को सुप्रीम कोर्ट ने अपने हालिया फैसले में सभी अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं कि हिंसा और घृणा फैलाने वाले भाषण न हों। इसके अतिरिक्त सरकारी सेवक का कोई भी काम सेवा नियमों के विरुद्ध न हो। खेमका यह कृत्य सार्वजनिक पद का दुरुपयोग होने के साथ-साथ सरकारी कर्मचारियों के आचरण नियमों का भी उल्लंघन है।

खेमका ने 6 अप्रैल को एक्स हैंडिल लिखी थी पोस्ट
आईएएस अशोक खेमका ने 6 अप्रैल को सोशल मीडिया के एक्स हैंडिल पर वाड्रा-डीएलएफ जमीन सौदे में कार्रवाई नहीं होने पर दर्द बयां किया था। खेमका ने लिखा था कि वाड्रा-डीएलएफ सौदे की जांच सुस्त क्यों? 10 साल हुए और कितनी प्रतीक्षा। ढींगरा आयोग की रिपोर्ट भी ठंडे बस्ते में। पापियों की मौज। शासक की मंशा कमजोर क्यों? प्रधानमंत्री का देश को वर्ष 2014 में दिया गया वचन एक बार ध्यान तो किया जाए। उनकी इस पोस्ट पर आईएएस संजीव वर्मा ने भी पलटवार किया था।

रिपोर्ट: मोनी देवी

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