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हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के वकीलों का फूटा गुस्सा, छोटा शिमला थाने का घेराव,क्या वजह?

  • हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के वकीलों ने सोमवार को छोटा शिमला थाना का घेराव करते हुए सचिवालय के बाहर चक्का जाम कर दिया। यह विरोध 12 अप्रैल को हुए उस विवाद के खिलाफ किया गया जिसमें शहर के नवबहार चौक पर एक पुलिसकर्मी और वकील के बीच झड़प हो गई थी।

Utkarsh Gaharwar लाइव हिन्दुस्तान, शिमलाMon, 21 April 2025 06:23 PM
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हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के वकीलों का फूटा गुस्सा, छोटा शिमला थाने का घेराव,क्या वजह?

हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के वकीलों ने सोमवार को छोटा शिमला थाना का घेराव करते हुए सचिवालय के बाहर चक्का जाम कर दिया। यह विरोध 12 अप्रैल को हुए उस विवाद के खिलाफ किया गया जिसमें शहर के नवबहार चौक पर एक पुलिसकर्मी और वकील के बीच झड़प हो गई थी। इस प्रदर्शन के कारण शहर में यातायात प्रभावित रहा और कुछ घंटों तक जाम की स्थिति बनी रही।

इससे पहले हाईकोर्ट परिसर में जनरल हाउस की बैठक आयोजित की गई जिसमें सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि वकील के साथ पुलिसकर्मी द्वारा किए गए दुर्व्यवहार के विरोध में बड़ा आंदोलन किया जाएगा। इसके तहत हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के सैकड़ों वकील छोटा शिमला थाने पहुंचे और सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए थाने का घेराव किया।

दरअसल विवाद की जड़ 12 अप्रैल को नवबहार चौक पर हुई उस घटना को लेकर हुई जब वकील प्रणव शर्मा और कॉन्स्टेबल रमन ठाकुर के बीच कहासुनी हो गई थी। सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो में साफ दिख रहा है कि पुलिसकर्मी ने वकील को कॉलर से पकड़कर थप्पड़ मारे। इस वीडियो के सामने आने के बाद वकीलों में भारी रोष फैल गया।

हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने आरोप लगाया कि पुलिस इस मामले में पक्षपात कर रही है। एसोसिएशन का कहना है कि जिस पुलिसकर्मी ने वकील के साथ सरेआम मारपीट की उसके खिलाफ कोई सख्त कार्रवाई नहीं की गई, उल्टा वकील के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर दी गई। वकीलों ने सवाल उठाया कि जब कानून के रखवालों के साथ ही ऐसा व्यवहार हो रहा है तो आम नागरिकों के साथ पुलिस कैसा सलूक करती होगी।

पूर्व एडवोकेट जनरल और वरिष्ठ वकील श्रवण डोगरा ने प्रदर्शन के दौरान अपने सम्बोधन में कहा कि यह सिर्फ एक वकील पर हमला नहीं बल्कि पूरे न्यायिक तंत्र पर हमला है। अगर पुलिस अपने अधिकारों का दुरुपयोग कर रही है तो उसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। वकीलों का आरोप है कि पुलिस मामले में पक्षपात कर रही है। दोषी पुलिस कर्मी के खिलाफ कार्रवाई करने के बजाय वकील पर कार्रवाई की गई। जिनका काम न्याय दिलाना है उनके साथ ही अगर पुलिस गुंडागर्दी कर रही है तो आम आदमी के साथ कैसे पेश आएगी।

वहीं पुलिस की तरफ से दी गई जानकारी के मुताबिक कांस्टेबल रमन ठाकुर ने शिकायत में कहा है कि वकील की गाड़ी ने रास्ता रोका और जब वे उसे हटाने को कहने पहुंचे तो उनके साथ धक्का-मुक्की की गई जिससे उनकी वर्दी के बटन तक टूट गए। वहीं वकील प्रणव शर्मा का दावा है कि पुलिसकर्मी ने बिना किसी उकसावे के बदतमीज़ी करते हुए मारपीट की।

इस पूरे मामले में छोटा शिमला पुलिस ने दोनों पक्षों की शिकायतों पर केस दर्ज किया है। कांस्टेबल की शिकायत पर बीएनएस की धारा 132, 121(1) और 352 के तहत मामला दर्ज किया गया है जबकि वकील की शिकायत पर धारा 126(2), 115(2) और 352 के तहत एफआईआर दर्ज की गई है।

इस बीच वकीलों के सड़क पर उतरने पर शिमला पुलिस प्रशासन ने आरोपी पुलिस कांस्टेबल को सस्पेंड कर दिया है। शिमला के एसपी संजीव गांधी ने कांस्टेबल को सस्पेंड करने की पुष्टि करते हुए कहा कि आरोपी के ख़िलाफ़ विभागीय जांच बिठाई गई है। एएसपी रैंक का पुलिस अधिकारी मामले की जांच करेगा।

रिपोर्ट : यूके शर्मा

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