आपका खुद का घाटा होगा, यह राजनीति करने की चीज नहीं; ट्रंप के किस कदम पर तमतमाया चीन?
चीन ने हार्वर्ड विश्वविद्यालय के विदेशी छात्रों पर प्रतिबंध लगाने की कड़ी आलोचना की है। बता दें कि हार्वर्ड में हर साल सैकड़ों चीनी छात्र दाखिला लेते हैं, जिनके भविष्य को लेकर चीन चिंतित है।

Trump vs Harvad University: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की सरकार और हार्वर्ड के बीच टकरार बढ़ती ही जा रही है। अमेरिकी सरकार ने गुरूवार को घोषणा कर दी कि हार्वर्ड अब नए विदेशी छात्रों को प्रवेश नहीं दे सकेगा। हांलाकि शुक्रवार को अमेरिकी अदालत ने इस फैसले पर रोक लगा दी है। वहीं ट्रंप के इस कदम की चीन ने भी सख्त आलोचना की है। चीन ने कहा है कि ट्रंप प्रशासन द्वारा हार्वर्ड विश्वविद्यालय में विदेशी छात्रों पर प्रतिबंध लगाने से अमेरिका का खुद का नुकसान होगा और उसकी अंतरराष्ट्रीय प्रतिष्ठा को भी क्षति पहुंचेगी।
ट्रंप प्रशासन के इस आदेश की चीनी मीडिया में खूब चर्चा हुई। वहीं चीन की विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने बीजिंग में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा है कि अमेरिका के साथ शैक्षणिक सहयोग पारस्परिक रूप से लाभकारी है और चीन इसके राजनीतिकरण का विरोध करता है। उन्होंने कहा, ‘‘अमेरिकी पक्ष की इन कार्रवाइयों से केवल उसकी अपनी छवि और अंतरराष्ट्रीय विश्वसनीयता को नुकसान पहुंचेगा।’’ इस दौरान चीनी प्रवक्ता ने यह भी कहा कि चीन विदेश में चीनी छात्रों और स्कॉलर्स के अधिकारों और हितों की दृढ़ता से रक्षा करेगा।
हार्वर्ड में चीन के कितने छात्र?
बता दें कि चीन के कई छात्र हर साल हार्वर्ड विश्वविद्यालय में दाखिला लेते हैं। आंकड़ों के मुताबिक 2024 में विश्वविद्यालय ने अपने सभी संस्थानों में 6,703 अंतरराष्ट्रीय छात्रों को दाखिला दिया था। इनमें से 1,203 छात्र चीन के थे। अमेरिकी सरकार के इस ऐलान के बाद हांगकांग के एक विश्वविद्यालय ने अंतरराष्ट्रीय छात्रों को प्रवेश देने का वादा किया है।
हांगकांग विज्ञान और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय ने हार्वर्ड में पहले से ही पढ़ रहे अंतरराष्ट्रीय छात्रों और जिन लोगों को प्रवेश मिल चुका है, उन्हें खुला निमंत्रण दिया है। संस्थान ने एक विज्ञप्ति जारी कर कहा कि यह बिना शर्त प्रस्ताव स्वीकार करेगा और प्रवेश प्रक्रिया को सहज और सुविधाजनक बनाने के लिए शैक्षणिक सहायता प्रदान करेगा।
अमेरिकी अदालत ने आदेश पर लगाई रोक
फिलहाल अमेरिकी अदालत ने इस आदेश पर रोक लगा दी है। इससे पहले हार्वर्ड यूनिवर्सिटी ने सरकार के इस फैसले के खिलाफ कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। विश्वविद्यालय ने सरकार के फैसले को कोर्ट में चुनौती देते हुए इसे हार्वर्ड के एक चौथाई छात्रों को मिटाने की कोशिश बताई थी। हार्वर्ड ने इस कदम को असंवैधानिक कार्रवाई भी बताया था। अब कोर्ट द्वारा इस आदेश पर रोक लगाने से 7000 से अधिक वीजाधारकों को राहत मिलेगी।।
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