टैरिफ घटाने को तैयार भारत समेत कई देश, ट्रंप के व्यापार प्रतिनिधि का बड़ा दावा; बाजार में भारी उतार-चढ़ाव
- ग्रीयर ने कहा कि अमेरिका का विशाल व्यापार घाटा और विनिर्माण क्षेत्र का पतन आकस्मिक नहीं है, बल्कि यह अन्य देशों की असमान व्यापार नीतियों और टैरिफ के चलते हुआ है।

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की कड़ी व्यापार नीतियों का असर अब वैश्विक स्तर पर दिखने लगा है। ट्रंप के व्यापार प्रतिनिधि जेम्सन ग्रीयर ने सीनेट फाइनेंस कमेटी को बताया कि भारत सहित कई देश अब टैरिफ घटाने पर विचार कर रहे हैं। ग्रीयर ने राष्ट्रपति की ओर से घोषित "व्यापार में राष्ट्रीय आपातकाल" को सही ठहराते हुए कहा कि शुरुआती संकेत सकारात्मक हैं और यह नीति अब रंग लाती दिख रही है।
ग्रीयर ने कहा, “जहां अमेरिका का औसत कृषि टैरिफ 5% है, वहीं भारत का औसत टैरिफ 39% है। आप ट्रेंड को समझ सकते हैं।” उन्होंने अर्जेंटीना, वियतनाम, भारत और इजरायल जैसे देशों का उल्लेख किया, जिन्होंने टैरिफ और गैर-टैरिफ बाधाओं को कम करने की इच्छा जताई है।
उनका दावा है कि लगभग 50 देशों ने ट्रंप प्रशासन से संपर्क कर नई नीति पर बातचीत की है और "विनिमय समानता" की दिशा में कदम बढ़ाने को तैयार हैं। ग्रीयर ने कहा कि अमेरिका का विशाल व्यापार घाटा और विनिर्माण क्षेत्र का पतन आकस्मिक नहीं है, बल्कि यह अन्य देशों की असमान व्यापार नीतियों और टैरिफ के चलते हुआ है।
उन्होंने बताया कि 1994 से अब तक अमेरिका ने 5 मिलियन नौकरियां और 90,000 फैक्ट्रियां खो दी हैं। यहां तक कि कृषि क्षेत्र, जिसमें अमेरिका पारंपरिक रूप से व्यापार अधिशेष में रहता था, वह भी बाइडन प्रशासन के अंतिम दो वर्षों में घाटे में चला गया। राष्ट्रपति ट्रंप ने वैश्विक स्तर पर बेसलाइन टैरिफ लागू कर दिया है और अमेरिका में नहीं बनने वाले स्टील, एल्युमिनियम, ऑटो और पार्ट्स पर सख्त ड्यूटी लगाई गई है।
हालांकि, बाजार में इस नीति को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है। मंगलवार को अमेरिकी शेयर बाजारों में भारी उतार-चढ़ाव देखा गया। एसएंडपी 500 इंडेक्स दिन की शुरुआत में 4.1% चढ़ा लेकिन अंत में 2.6% की गिरावट के साथ बंद हुआ, जिससे यह फरवरी के उच्चतम स्तर से लगभग 20% नीचे आ गया। डाउ जोंस ने 1,460 अंकों की तेजी गंवाते हुए अंत में 683 अंक का नुकसान दर्ज किया, जबकि नैस्डैक में 3.2% की गिरावट आई।
ट्रंप प्रशासन जहां इन टैरिफों को नौकरियां वापस लाने का जरिया मानता है, वहीं वॉल स्ट्रीट में इस नीति को लेकर असमंजस है—क्या यह सिर्फ बातचीत की रणनीति है या स्थायी बदलाव? ग्रीयर ने अंत में कहा, “अगर आपके पास विनिमय समानता प्राप्त करने और व्यापार घाटा कम करने का कोई बेहतर विचार है, तो हम बातचीत को तैयार हैं।” उन्होंने आगे कहा कि यह कदम अमेरिका के विशाल व्यापार घाटे को कम करने और विनिर्माण क्षेत्र को पुनर्जनन देने के लिए उठाया गया है।
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