ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमला किया तो विनाशकारी होगा, रूस की ट्रंप को चेतावनी
- ट्रंप ने अपने पहले कार्यकाल में 2015 के ईरान परमाणु समझौते से अमेरिका को बाहर कर दिया था। इस समझौते के तहत ईरान को सख्त परमाणु प्रतिबंधों के बदले आर्थिक प्रतिबंधों से राहत दी गई थी।

रूस ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को कड़ी चेतावनी जारी की है। रूस ने कहा है कि अगर उन्होंने ईरान के परमाणु ठिकानों पर बमबारी करने की अपनी धमकी को अंजाम दिया, तो इसके "विनाशकारी परिणाम" होंगे। यह बयान मंगलवार देर रात रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के प्रवक्ता की ओर से आया, जब ट्रंप ने एक सार्वजनिक बयान में ईरान के खिलाफ सैन्य कार्रवाई की संभावना का जिक्र किया था। रूस के उप विदेश मंत्री सर्गेई रयाबकोव ने अंतरराष्ट्रीय मामलों की एक पत्रिका को दिए इंटरव्यू में कहा, "हम इस तरह की धमकियों और अल्टीमेटम को अनुचित मानते हैं। हम इसकी निंदा करते हैं और इसे ईरान पर अमेरिकी इच्छा थोपने का प्रयास मानते हैं।"
रूस ने दी मध्यस्थता की पेशकश
रूस ने इस मुद्दे पर अमेरिका और ईरान के बीच मध्यस्थता की पेशकश भी की है। मास्को ने जनवरी में तेहरान के साथ एक रणनीतिक साझेदारी संधि पर हस्ताक्षर किए थे और अब वह दोनों देशों के बीच तनाव कम करने की कोशिश कर रहा है। हालांकि, ट्रंप अपने सख्त रुख पर कायम हैं। उन्होंने एनबीसी न्यूज को दिए एक इंटरव्यू में कहा, "अगर वे (ईरान) कोई समझौता नहीं करते, तो बमबारी होगी। यह वैसी बमबारी होगी जैसी उन्होंने पहले कभी नहीं देखी।"
परमाणु समझौते से अमेरिका के बाहर होने के बाद बढ़ा तनाव
गौरतलब है कि ट्रंप ने अपने पहले कार्यकाल में 2015 के ईरान परमाणु समझौते से अमेरिका को बाहर कर दिया था। इस समझौते के तहत ईरान को सख्त परमाणु प्रतिबंधों के बदले आर्थिक प्रतिबंधों से राहत दी गई थी। ईरान का कहना है कि उसका परमाणु कार्यक्रम शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए है और वह परमाणु हथियार विकसित नहीं कर रहा है। रयाबकोव ने आगाह किया कि ट्रंप की धमकी से क्षेत्रीय तनाव और बढ़ सकता है। उन्होंने कहा, "इस तरह के हमलों के परिणाम, खासतौर पर अगर वे ईरान के परमाणु ठिकानों को निशाना बनाते हैं, पूरे क्षेत्र के लिए विनाशकारी साबित हो सकते हैं।" उन्होंने आगे कहा, "अब भी समय है कि सभी पक्ष एक व्यावहारिक समझौते पर पहुंचने के प्रयास करें। रूस इस वार्ता में मदद करने को तैयार है।"
क्षेत्रीय और वैश्विक चिंताएं
विश्लेषकों का मानना है कि यदि अमेरिका ने ईरान पर हमला किया, तो इससे मध्य पूर्व में एक बड़ा संघर्ष शुरू हो सकता है, जिसमें रूस, सऊदी अरब और इजरायल जैसे देश भी शामिल हो सकते हैं। तेल की कीमतों में उछाल और वैश्विक अर्थव्यवस्था पर इसका असर भी एक बड़ी चिंता का विषय है, क्योंकि ईरान दुनिया के प्रमुख तेल उत्पादक देशों में से एक है।
आगे की राह
फिलहाल, स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है और सभी की निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि ट्रंप प्रशासन इस चेतावनी के बाद क्या कदम उठाता है। रूस और ईरान के बीच मजबूत गठबंधन को देखते हुए, यह मामला वैश्विक शक्ति संतुलन को प्रभावित कर सकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि कूटनीति ही इस संकट को टालने का एकमात्र रास्ता हो सकता है।
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