आतंकवाद से निपटने में गंभीर नहीं PAK, कीमत चुकानी पड़ेगी; अमेरिका में शशि थरूर की दो टूक
शशि थरूर ने कहा कि 22 अप्रैल का पहलगाम हमला जम्मू-कश्मीर में सामान्य स्थिति को कमजोर करने और शेष भारत में प्रतिक्रिया भड़काने के उद्देश्य से किया गया था। आतंकवादियों ने केवल हिंदुओं को निशाना बनाया था।

अमेरिका के दौरे पर गए सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के नेता कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने रविवार को कहा कि भारत ने दिखा दिया है कि पाकिस्तान को आतंकवादी हमलों का समर्थन करने के लिए अधिक कीमत चुकानी पड़ेगी, क्योंकि वह (पाकिस्तान) आतंकवाद से निपटने के लिए कोई गंभीरता नहीं दिखा पाया है। न्यूयॉर्क में भारतीय वाणिज्य दूतावास में थिंक टैंक और मीडिया के साथ बातचीत के दौरान थरूर ने कहा कि पाकिस्तान एक संशोधनवादी शक्ति है, जो भारतीय क्षेत्र पर नियंत्रण पाने के लिए आतंक का इस्तेमाल करने को तैयार है। 22 अप्रैल का पहलगाम हमला जम्मू-कश्मीर में सामान्य स्थिति को कमजोर करने और शेष भारत में प्रतिक्रिया भड़काने के उद्देश्य से किया गया था, क्योंकि आतंकवादियों ने केवल हिंदुओं को निशाना बनाया था।
थरूर के नेतृत्व वाला प्रतिनिधिमंडल सांसदों, राजनीतिक नेताओं और पूर्व राजनयिकों की सात टीमों में से एक है, जिन्हें भारत सरकार ने दुनिया के विभिन्न हिस्सों में भेजा है, ताकि प्रमुख साझेदारों को सीमा पार आतंकवाद से निपटने के लिए नई दिल्ली के नए दृष्टिकोण से अवगत कराया जा सके और पाकिस्तान में आतंकवादी बुनियादी ढांचे को निशाना बनाने के लिए 7 मई को शुरू किए गए ऑपरेशन सिंदूर के पीछे के औचित्य को समझाया जा सके।
थरूर ने कहा, "पाकिस्तान में बैठे किसी भी व्यक्ति को यह विश्वास करने की इजाजत नहीं दी जाएगी कि वे सीमा पार जाकर हमारे नागरिकों की हत्या कर सकते हैं। इसकी कीमत चुकानी होगी और यह कीमत व्यवस्थित रूप से बढ़ती जा रही है।" उन्होंने कहा कि भारत ने 2016 के उरी हमले का जवाब नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पार सर्जिकल स्ट्राइक करके और 2019 के पुलवामा आत्मघाती बम विस्फोट का जवाब अंतरराष्ट्रीय सीमा के पार आतंकवादी शिविर पर हवाई हमले करके दिया था।
उन्होंने कहा, "अब, हमने न केवल नियंत्रण रेखा पार की है, बल्कि हमने अंतरराष्ट्रीय सीमा भी पार की है। हमने पाकिस्तान के गढ़ में जाकर हमला किया है और हमने ऐसा केवल आतंक के बारे में संदेश देने के लिए किया है। हम इस बात पर पूरी तरह स्पष्ट हैं कि हमें पाकिस्तान के साथ युद्ध में कोई दिलचस्पी नहीं है।" उन्होंने कहा कि हमें पाकिस्तानियों के पास जो कुछ भी है, उसे पाने की कोई इच्छा नहीं है। दुख की बात है कि हम भले ही यथास्थितिवादी ताकत हों, लेकिन वे नहीं हैं। वे एक संशोधनवादी ताकत हैं, वे भारत के नियंत्रण वाले क्षेत्र पर लालच करते हैं और वे इसे किसी भी कीमत पर हासिल करना चाहते हैं। अगर वे इसे पारंपरिक तरीकों से हासिल नहीं कर सकते, तो वे इसे आतंकवाद के जरिए हासिल करने को तैयार हैं। यह हमें स्वीकार्य नहीं है।"
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