सड़क निर्माण में एलिफेंट अंडरक्रॉसिंग निर्माण की मांग
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केंद्रीय वन-पर्यावरण सुरक्षा सह प्रबंधन समिति के उपाध्यक्ष विष्णुचरण महतो ने गुरुवार को केंद्र व राज्य सरकार को पत्र लिखकर भारत माला परियोजना के अंतर्गत एक्सप्रेस-वे तथा हाईवे रोड निर्माण में एलिफेंट अंडरक्रॉसिंग का निर्माण कराने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा है कि इससे जंगली हाथी स्वतंत्र रूप से प्रवास, निवास तथा भ्रमण कर सकेंगे। उन्होंने पत्र में बताया है कि झारखंड में भारतमाला परियोजना के तहत एक्सप्रेसवे व उच्च पथ निर्माण कार्य तेज गति से चल रहा है। झारखंड क्षेत्र के अंतर्गत जंगली हाथियों का निवास या विचरण मुख्य रूप से चार पहाडों के जंगल इलाके से आते हैं। इन पहाडों के बीच हाथियों का आने-जाने का सिलसिला सालो भर चलता रहता है। हाथियों का एक स्थान से दूसरे स्थान तक आवागमन के मार्ग को एलिफेन्ट कोरिडोर कहा जाता है। झारखंड से सटे पश्चिम बंगाल के बाघमुंडी, झालदा पहाड़ श्रृंखला जंगल से अनेक जंगली हाथी झारखंड की सीमा पार करते हैं। फिर बोकारो जिला के जरीडीह व कसमार प्रखंड के हिसीम, सेवाती, भस्की पहाड़ पहुंचते हैं। फिर जैनामोड़, बाराडीह, होते हुए भंडारीदह दमोदर नदी को पार करते हुए टुंडी पारसनाथ पहाड़ की ओर रुख करते हैं। जिससे हाथियों का निवास तथा भ्रमण स्थल सिमट जाएगा और क्षेत्र में हाथियों के अस्तित्व पर संकट उत्पन्न हो जाएगा। उन्होंने कहा है कि इस स्थिति को देखते हुए भारत माला परियोजना फेज- वन के तहत ओरमांझी से बांधडीह (बोकारो) तक बनने वाली सड़क पर पेटरवार प्रखंड के चरगी घाटी तथा जैनामोड़ के बाराडीह कल्याणपुर के बीच तथा बनारस-कोलकता सिक्सलेन निर्माण में गोला (रामगढ़) के लिपीया गांव के मड़अथान के पास तथा जरीडीह व कसमार प्रखंड की सीमा कुकुरतोपा, गोपालपुर के बीच एलिफेंट अंडर क्रास निर्माण की आवश्यकता है।
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