धर्म-संस्कृति व परंपरा के प्रति आदिवासी समाज है सजग : मंत्री योगेंद्र
सीसीएल जारंगडीह की बंद खदान के पास जंगल में सरहुल पर्व धूमधाम से मनाया गया। नायके हड़ाम ने पूजा कराई और आदिवासी समुदाय ने गीत-नृत्य किया। मंत्री योगेंद्र प्रसाद ने आदिवासी संस्कृति की एकता की सराहना...

कथारा। सीसीएल जारंगडीह की बंद भूमिगत खदान के बत्ती घर के समीप जंगल में जुग जाहेर सरना धोरोम गढ़ में रविवार को धूमधाम से सरहुल पर्व मनाया गया। नायके हड़ाम (पुजारी) अर्जुन हेम्ब्रम ने पूजा कराई। इसके बाद मांदर की थाप पर आदिवासी महिला-पुरुषों ने गीत-नृत्य कर खुशहाली व समृद्धि की कामना की। मुख्य अतिथि झारखंड सरकार के मंत्री योगेंद्र प्रसाद ने कहा कि आदिवासी समाज अपने धर्म-संस्कृति एवं परंपरा के प्रति एकजुट होकर सजग है। निश्चित तौर पर एकजुटता एकाग्रता और धैर्य यहां इस पर्व समारोह में देखने को मिल रहा है। प्रकृति है तो हम सभी हैं। और प्रकृति की रक्षा करने के लिए यह समाज निश्चित रूप से अग्रणी है। आयोजन समिति ने इस स्थल का सर्वांगीण विकास सहित पांच सूत्री मांग स्मार पत्र मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नाम मंत्री को सौंपा। समिति के पदाधिकारियों ने कहा की इस तरह का आयोजन हर वर्ष होने से अपनी सभ्यता व संस्कृति की याद बरकरार रहती है।
झामुमो जिला अध्यक्ष डॉ रतन मांझी, पूर्व जिला अध्यक्ष हीरालाल मांझी, सचिव रहे जयनारायण महतो, मदन मोहन अग्रवाल, बेरमो विधायक प्रतिनिधि विल्सन फ्रांसिस, काशीनाथ केवट, अनंत कुमार मुर्मू, अशोक मुर्मू, अनिल अग्रवाल, मायापुर मुखिया नामकिशोर मांझी, चांपी मुखिया रीता देवी, सीताराम मुर्मू, श्रीराम हेम्ब्रम, पूर्व मुखिया मो इम्तियाज अंसारी, आनंद कुमार टुडू, मन्नू मांझी, गोपीन मुर्मू, फेनीराम सोरेन, करमचंद हांसदा, सुखनाथ मुर्मू आदि थे।
मालूम हो कि यहां बाहा बोंगा सरहुल पूजा की तैयारी बीते एक सप्ताह से अधिक समय से चल रही थी। मुख्यमंत्री को भी आना था परंतु अपरिहार्य कारणों से वे नहीं आ सके। बेरमो विधायक कुमार जयमंगल भी किसी वजह से शिरकत नहीं कर सके।
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