बोले बोकारो: सैकड़ों एकड़ जीएम लैंड पर उद्योग लगे तो रुकेगा युवाओं का पलायन
मानगो पंचायत की जनसंख्या 7000 से अधिक है, जहां जीएम लैंड होने के बावजूद उद्योग नहीं लगे हैं। युवा रोजी-रोजगार के लिए पलायन कर रहे हैं। पेयजल की कमी और नालियों के अभाव में समस्याएं बढ़ रही हैं। भूमि...
मानगो पंचायत, यहां की आबादी लगभग 7000 से अधिक हैं। मानगो में सैंकड़ों एकड़ जमीन ‘जीएम लैंड होने के बाद भी यहां उद्योग ने लगे। बियाडा का इस ओर कोई ध्यान नहीं है। सैंड़कों युवा रोजी-रोजगार के लिए पलयान लगातार पलायन करने को मजबूर हैं। वहीं दूसरी ओर, जीएम लैंड कब्जा कर मोटी रकम में जमीन माफिया द्वारा बेचा जा रहा है। युवा खेल मैदान को तरस रहें हैं। आपके अपने अखबार हिन्दुस्तान की ओर से बोले बोकारो के दौरान यहां के लोगों ने अपनी पीड़ा बताई। उन्होंने बताया कि उत्क्रमित उच्च विद्यालय का लेबल मिला पर शिक्षक नहीं। नालियां के अभाव में आपसी विवाद बढ़ता जा रहा है। 8 बेड का अस्पताल बनाने की योजना भी धरी की धरी रह गई। डीवीसी का डस्ट ढ़ोने वाले हाइवा द्वारा हर दिन पूरे क्षेत्र को गंदगी फैला रहा है। पेजयल व स्ट्रीट लाइट की कमी भी झेल रहें हैं।
मानगो के ग्रामीणों ने कहा कि बोकारो विधान सभा का व चास प्रखंड का नबंर वन मतदान केंद्र व पंचायत विकास योजनाओं से अभी भी अछूता है। पंचायत में पेयजल की समस्या है। जबकि मानगो क्षेत्र जैनामोड़-फुसरो से होकर खुटरी पेय जलापूर्ति योजना का पाइप लाइन तांतरी पंचायत तक गई है। लेकिन इस बीच में पड़ने वाला मानगो पंचायत इस लिए पेयजल से वंचित है, क्योंकि यह जरीडीह प्रखंड के बजाय चास प्रखंड का हिस्सा है। एक समय तो पंचायत के कई लोग मजबूरन चुआं का पानी पीने को विवश थें। हालांकि चापानल व सोलर पंप लगने के बाद थोड़ी राहत मिली है। मानगो व कनारी पंचायत के लिए दामोदर से पेयजल आपूर्ति योजना पर काम चल रहा है। लोगों की मानें तो इस कार्य को पूरा होने में करीब दो वर्ष का वक्त लगेगा। तब तक लोगों के पास सिवाय इंतजार के कोई दूसरा विकल्प नहीं है।
जीएम लैंड पर मची है लूट, बियाडा उद्योग के लिए पहल करे तो मिलेगा रोजगार: लोगों ने कहा कि मानगो के खाता नंबर 131 के प्लाट संख्या 73 एवं 561 जीएम लैंड है। जहां सैंकड़ों एकड़ जमीन खाली पड़ी है। भू-माफियों द्वारा प्लाटिंग कर बेचा जा रहा है। मोटी रकम कमाई कर रहें हैं। जबकि जिस रैयत के बगल में जीएम लैंड है, उसके हाथ खाली है। कहा कि बियाडा को उद्योग लगाने के लिए जमीन चाहिए। सरकार इस यहां के जमीन पर बड़े उद्योग लगाये तो इस क्षेत्र में रोजगार बढ़ेगा। युवाओं का पलायन रूकेगा। यहां के सैंकड़ों युवा विभिन्न प्रदेशों में पलायन कर चुकें है। आज भी हर माह पलायन का दौर जारी है। जिला पदाधिकारी, बियाडा कार्यालय, विधायक व सासंद इस दिशा में पहल करे तो नदी किनारे का क्षेत्र उद्योग के लिए बेहतर स्थानों में से एक साबित होगा।
नदी से बालू उठाव के साथ ब्लास्ट कर पत्थर बेचने का चलता है काम: ग्रामीणों ने कहा कि एक ओर जहां सरकार बालू पर रोक की बात करती है। आये दिन जिला में जगह-जगह छापेमारी की जाती है। वहीं, दामोदर नदी के भंडारीदाह पुल के आसपास से हर दिन ट्रक्टर से बालू का उठाव किया जाता है। यहां तक की नदी में ब्लास्टिंग कर पत्थर भी निकाल कर बेचा जा रहा है। बिना रोक टोक के बेझिझक काम चल रहा है। इससे नदी का अस्तित्व खतरे में है। लोग दहशत में है। एक ओर अवैध बंगला भट्टा ईंट बनाया जा रहा है। दूसरी ओर जीएम लैंड बेची जा रही है। कहा कि जिला के अधिकारी इस क्षेत्र का निरीक्षण तक करने नहीं आते है। खुलेआम चल रहे इन अवैध करोबारों को रोकने के लिए कभी कोई अधिकारी नहीं पहुंचते।
शिकायतें
1. नदी किनारे जीएम लैंड को प्लाटिंग कर बेच रहें हैं भू-माफिया। सीओ सहित जिला के वरीय अधिकारी नहीं दे रहें ध्यान।
2. उच्च विद्यालय की घोषणा के बाद भी आज तक नहीं मिला भवन व शिक्षक। भ्रष्टाचार की भेंट चढ़े पुराने भवन का काम नहीं हुआ पूरा।
3. मानगो उपस्वास्थ केंद्र्र में बनना था 8 बेड का अस्पताल। खटाई में पड़ी योजना। इलाज के लिए जाना पड़ता है 30 किलो मीटर दूर।
4. भंडारीदाह पुल से निकलने वाली सड़क फुसरों-जैनामोड़ मार्ग पर मिलती है। इस चौक पर आये दिन दुर्घटनाएं होती रहती है।
5. पंचायत में स्ट्रीट लाइट बंद है, नाली की कमी के कारण विवाद होता है। पेजयल की सुविधा नहीं है। पानी के लिए लोगों को परेशानी होती है।
सुझाव
1. नदी किनारे के जीएम लैंड को बचा कर बड़ा उद्योग लगाये सरकार। यहां के लोगों को मिलेगा रोजगार। रुकेगा पलायन।
2. उच्च विद्यालय के लिए शिक्षक बहाल करे सरकार। भवन का हो निर्माण। पुराने भवन के अधूरे काम को पूरा किया जाए।
3. मानगो उपस्वास्थ केंद्र को 8 बेड का अस्पताल बनाने की दिशा में काम होना चाहिए। इससे क्षेत्र के लोगों की परेशानी होगी कम।
4. भंडारीदाह से फुसरो-जैनामोड़ सड़क चौक पर एक गोल चक्कर बने। तीनों ओर की सड़क पर ब्रेकर लगाया जाए। ताकि दुर्घटना कम हो।
5. स्ट्रीट लाइटों को ठीक कराया जाए, पेयजल की व्यवस्था उपलब्ध हो। नालियों को निर्माण कराया जाय। जरूरतमंदों को आवास योजना मिले।
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