10 वर्षों में नक्शे पर पॉश क्षेत्र बनकर उभरा टीचर्स कॉलोनी
बदलता बोकारो-10 वर्षों में नक्शे पर पॉश क्षेत्र बनकर उभरा टीचर्स कॉलोनीबदलता बोकारो-10 वर्षों में नक्शे पर पॉश क्षेत्र बनकर उभरा टीचर्स कॉलोनीबदलता बो

बोकारो शहर से सटे रामगढ़ हाईवे के समीप बसा पॉश इलाका टीचर्स कॉलोनी विगत 10 वर्षो के अंतराल में एक शहर के रूप में विकसित हो रहा है। इलाके में मुलभूत सुविधाएं उपलब्ध रहने के कारण यहां 350 से अधिक आवास बनकर तैयार है। दो दशक पूर्व यह इलाका पूरी तरह से खेत खलिहान में तब्दील था। लेकिन अब बड़े बड़े मकान व दुकान बनकर तैयार हो गए है। बदलते दौर के साथ यह इलाका तेज गति से विकसित हुआ है। टीचर्स कॉलानी के मुहाने पर बांधडीह उच्च विद्यालय के साथ साथ कॉलेज सहित अन्य शिक्षण संस्थान है। विभिन्न खुबियों के कारण यह क्षेत्र यहां के लोगों की पहली च्वाईस बनती चली गई। तमाम सुविधा व स्वच्छ वातारण के कारण बांधडीह का यह क्षेत्र बाहर से आनेवाले लोगों को आकर्षित भी कर रहा है। करीब 10 वर्ष पूर्व इस क्षेत्र में रात को गुजरने से पहले लोगों को भय लगता था। यह सड़क चास प्रखंड के करहरिया को भी जोड़ते हुए बालीडीह नरकरा के रास्ते थाना मोड़ होकर बोकारो रेलवे स्टेशन को पहुंचती है।
5 हजार के करीब आबादी
इस क्षेत्र की आबादी करीब 5 हजार के आसपास के आसपास है। लेकिन तेजी से यहां की जमीनों पर लोगों का आवास बन रहा है। जिससे इस बात का सहज ही अंताजा लगाया जा सकता है कि आनेवाले कुछ ही वर्षों के अंतराल में यहां आबादी बढ़ने के साथ साथ अन्य सुविधाओं में इजाफा होगा। 7 किलोमीटर के दायरे में पंचायत भवन, स्कूल, कॉलेज, प्रखंड मुख्यालय, एनएच, बाजार से लेकर रेलवे स्टेशन तक का क्षेत्र है। टीचर्स कॉलोनी में शांतिपूर्ण माहौल के कारण घरों की संख्या हर दिन बढ़ती जा रही है।
क्या-क्या है खास
1. बोकारो रामगढ़ मुख्यपथ से बिल्कुल सटा हुआ है। सभी प्रकार के बाजार यहां उपलब्ध है
2. सरकारी उच्च विद्यालय के साथ सीबीएससी के कई स्कूल है। कॉलेज भी इसी इलाके में है
3. मुख्य मार्ग एक ओर चहल-पहल की दिशा में जाता है तो दूसरी ओर स्वच्छ वातावरण का आभाष दिलाता है।
4. बांधडीह उत्तरी पंचायत का हिस्सा होने के कारण पंचायती राज का भी लाभ मिलता है।
5. बोकारो रेलवे स्टेशन की दूरी भी करीब 6 किलोमीटर है। करीब में रेफरल अस्पताल भी।
क्या-क्या समस्याएं
1. कई स्थानों पर अभी तक सड़क का निर्माण नहीं हो सकता है। कहीं सकरा मार्ग भी है।
2. बिजली खंभा की कमी के कारण कई स्थानों पर बांस-बल्ली से पहुंचता है तार।
3. नाली के अभाव कई जगह पानी निकासी की समस्या से परेशान है लोग।
4. नियमित खुटरी पेयजलापूर्ति से नहीं नियमित जलापूर्ति का अभाव है।
5. खेल मैदान व पार्क की कमी है। बच्चों व अन्य के लिए मनोरंजन स्थल का अभाव है।
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