42वां पंचाहनिका वार्षिक ब्रह्मोत्सव समारोह के चौथे दिन मुर्तियों को फुलों से सजे झुले में बिठा कर झुलाया गया
चक्रधरपुर में 42वें पंचाहनिका वार्षिक ब्रह्मोत्सव समारोह के चौथे दिन भगवान बालाजी, माता लक्ष्मी और माता भूदेवी की उत्सव मूर्तियों को झुलाया गया। श्रद्धालुओं ने पूजा अर्चना की और 100 कलश जल से भगवान का...
चक्रधरपुर। 42वां पंचाहनिका वार्षिक ब्रह्मोत्सव समारोह के चौथे दिन गुरूवार की शाम को भगवान बालाजी, माता लक्ष्मी व माता भूदेवी की उत्सव मुर्तियों को फुलों से सजे झुले में बिठा कर झुलाया गया। इस दौरान श्रद्धालुओं ने भी झुले में लगी डोरी को खीच कर भगवान को झुलाने का गौरव प्राप्त किया। इससे पूर्व भगवान बालाजी, माता लक्ष्मी व माता भूदेवी की प्रतिमा का भव्य श्रृंगार किया गया था। मंदिर के पुरोहित अनंतनारायनचार्युल ने वैदिक मंत्रोच्चारण के बीच श्रद्धालुओं ने एक हजार दीप को प्रज्जवलित कर भगवान बालाजी की पूजा अर्चना किया। वहीं सुबह में पुरोहित ने सुप्रभातम, तोमल सेवा, नित्य होमम् करने के बाद 100 कलश में भरे जल से भगवान का अभिषेक किया।
इस के बाद श्रद्धालुओं के बीच प्रसाद का वितरण किया गया।वहीं देर शाम भगवान बालाजी की शादी होगी जिसमें भगवान बालाजी का विवाह माता लक्ष्मी व माता भूदेवी के साथ कराया जाएगा। इस विवाह को दक्षिण भारतीय परंपरा के अनुसार मंदिर के पुरोहित अनंतनारायनचार्युल पुरे विधान के साथ करायेंगे। विवाह संपन्न होने के बाद पंचाहनिका वार्षिक ब्रह्मोत्सव समारोह समाप्त होगा।
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