Lack of Ambulances in Pratappur and Kunda Blocks Causes Hardship for Patients पौने दो लाख की आबादी में एक भी एम्बुलेंस नहीं, ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को हो रही भारी परेशानी, Chatra Hindi News - Hindustan
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पौने दो लाख की आबादी में एक भी एम्बुलेंस नहीं, ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को हो रही भारी परेशानी

पौने दो लाख की आबादी में एक भी एम्बुलेंस नहीं, ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को हो रही भारी परेशानी पौने दो लाख की आबादी में एक भी एम्बुलेंस नहीं, ग्रामीण

Newswrap हिन्दुस्तान, चतराSat, 19 April 2025 01:41 AM
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पौने दो लाख की आबादी में एक भी एम्बुलेंस नहीं, ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को हो रही भारी परेशानी

प्रतापपुर निज प्रतिनिधि प्रतापपुर और कुंदा प्रखंड को मिलाकर आबादी लगभग पौने दो लाख के आस-पास है। प्रतापपुर के 18 और कुंदा के 5 पंचायतों में पोने दो लाख की आबादी में एक भी एम्बुलेंस नहीं है। प्रतापपुर के पूर्व में एक-एक 108 एम्बुलेंस सेवा दोनों प्रखंड में बहाल था, परंतु तकनीकी खराबी के कारण उक्त दोनों प्रखंड में 108 एम्बुलेंस सेवा बंद है। जिस कारण प्रखंड के गरीब असहाय मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।‌ झारखंड सरकार द्वारा पूरे प्रदेश में नि:शुल्क 108 एम्बुलेंस सेवा चालू किया गया था, जो आज तक यह सेवा बहाल हैं। इस 108 एंबुलेंस सेवा से कोरोना काल में लोगों को जान बचाने में अपनी अहम भूमिका निभाने का काम किया था। आज सरकार या स्वास्थ्य महकमा को कहा जाय परंतु इतना तो तय माना जा सकता है कि स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही और उदासीन रवैया के कारण कई प्रखंडों में 108 एम्बुलेंस सेवा बंद हो गया है। जानकारी अनुसार पूरे जिला में 15 से 16‌ 108 एम्बुलेंस सेवा बहाल था। परंतु आज के समय में मात्र 5 से 6 ऐम्बुलेंस ही स्वास्थ्य विभाग में काम कर रहा है। ऐम्बुलेंस के एक चालाक ने बताया कि जितने भी 108 ऐम्बुलेंस खराब स्थिति में है। उसमें छोटी-मोटी तकनीकी खराबी है और उसमें 10 से 15 हजार रुपए बनाने में खर्च लगेंगे। सभी ऐम्बुलेंस काम करने लगेगा। चालकों ने बताया कि विभाग के लापरवाही के कारण ऐम्बुलेंस चलना बंद है और ऐम्बुलेंस चालकों को कई महीनों से वेतन भुगतान भी नहीं होने से आर्थिक तंगी हो गया है। जिसके कारण हम सभी 108 एंबुलेंस सेवा चालकों की बदहाली की स्थिति उत्पन्न हो गई है। वहीं दूसरी ओर कुंदा एवं प्रतापपुर में 108 एंबुलेंस के आलावा कई अन्य ऐम्बुलेंस है भी तो उसमें मरीजों को काफी पैसा देकर जाना पड़ता है। जिसको लेकर मरीज समुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र परिसर में कई बार हंगामा करते देखा गया है।

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