सारवां : डकाय जंगल में की छापेमारी, पांच गिरफ्तार
देवघर के सारवां थाना के डकाय जंगल में पुलिस ने 5 साइबर ठगों को गिरफ्तार किया। आरोपी विभिन्न जिलों के निवासी हैं और आरोप है कि इन्होंने कई लोगों से ठगी की। इनके पास से मोबाइल और सिम कार्ड बरामद हुए...

देवघर, प्रतिनिधि सारवां थाना के डकाय जंगल में छापेमारी कर 5 साइबर ठगों को गिरफ्तार किया गया है। जहां संगठित होकर साइबर ठगी करने वाले पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया। सभी से पूछताछ करने के बाद कोर्ट के आदेश पर न्यायायिक हिरासत में जेल भेज दिया । गिरफ्तार किए गए आरोपियों में जामताड़ा जिला के करमाटांड थाना अन्तर्गत रामपुर गांव निवासी 25 वर्षीय प्रकाश मंडल, पिता मटरु मंडल, 20 वर्षीय प्रदीप कुमार मंडल, पिता संतोष कुमार मंडल, सारठ थाना के सुखजोरा गांव निवासी 18 वर्षीय सागर कुमार मंडल, पिता तिलकधारी मंडल, सोनाराय ठाढ़ी थाना के कल्याण राय ठाढ़ी गांव निवासी 26 वर्षीय प्रफुल्ल कुमार, पिता प्रकाश मंडल, बिहार के बांका जिला क्षेत्र के कटोरिया थाना अन्तर्गत भोरसाद गांव निवासी 27 वर्षीय धमेंद्र कुमार दास, पिता भरत दास शामिल है।
सभी के पास से पांच मोबाइल पांच सिम कार्ड मिला है। सभी जब्त सामानों की जांच पड़ताल साइबर थाना के टेक्निकल टीम द्वारा कराने पर साइबर क्राइम करने का पर्याप्त साक्ष मिला। जप्त किया गया सिम कार्ड में चार सिम कार्ड सरकारी प्रतिबिंब लिंक में अंकित मिला है। जिसमें लाखों रुपए ठगी किया गया है। जांच में पता चला कि सभी आरोपियों ने देशभर के लोगों को अपना शिकार बनाया है। सरकार के प्रतिबिंब पोर्टल पर 3 सिमर्काड के विरुद्ध शिकायत दर्ज है। सभी साइबर आरोपी टीम बनाकर संगठित होकर धंधा कर रहे थे। छापेमारी टीम में साइबर थाना के इंसपेक्टर सूर्य कांत त्रिपाठी, एसआई ,विशेश्वर कुमार व जैप-5 के दर्जनों जवान शामिल थे। तकनीकी जांच में खुलासे : पुलिस द्वारा जब्त मोबाइल और सिमकार्ड की जांच में यह सामने आया कि इन नंबरों पर प्रतिबिंब पोर्टल व जीएमएस पोर्टल पर शिकायतें दर्ज हैं। आरोपी पूर्व में भी साइबर ठगी के मामलों में लिप्त रहे हैं। देश के सैकड़ों लोगों से ठगी कर चुका है। जांच टेक्निकल टीम कर रही है। अपराधी फर्जी कस्टमर केयर अधिकारी व सरकारी योजना के प्रतिनिधि बनकर भोले-भाले लोगों को ठगते थे। छापेमारी पुलिस उप-महानिरीक्षक सह पुलिस अधीक्षक अजीत पीटर डुंगडुंग के दिशा-निर्देशन में की गयी। गिरफ्तार अपराधी अत्यधिक संगठित तरीके से साइबर ठगी को अंजाम दे रहे थे। मुख्य शिकार ग्रामीण क्षेत्र के ऐसे लोग थे जो तकनीकी रूप से जागरूक नहीं थे और जिन्हें पीएम किसान सम्मान निधि योजना, फोन-पे, पेटीएम जैसी सेवाओं की जानकारी सीमित रूप से थी। साइबर अपराधियों की ठगी के तरीके : गिरोह सदस्य पीएम किसान योजना के लाभार्थियों को फर्जी लिंक भेजते थे। लिंक पर क्लिक करने के बाद लाभुकों से उनका व्यक्तिगत व बैंक विवरण मांगा जाता था। जानकारी हासिल होते ही उनके खातों से पैसे गायब कर दिए जाते थे।
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