स्कूली छात्रों में पनप रहा गुटखा और सिगरेट का शौक
मधुपुर में नशा मानवता के पतन का कारण बन रहा है। युवा और स्कूली छात्र नशे की गिरफ्त में आ रहे हैं, जिससे समाज और स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव पड़ रहा है। डॉ. मोहम्मद शाहिद के अनुसार, नशे का सेवन जानलेवा...
मधुपुर,प्रतिनिधि। नशा, हमेशा से मानव और मानवता के पतन का कारण रहा है। किसी भी तरह के नशा का सेवन करना जीवन को नर्क से भी बदतर बनाता है। इससे आर्थिक, शारीरिक और सामाजिक आदि हर स्तर पर नुकसान के अलावा कुछ भी नहीं होता। इसके बावजूद भी आज के युवा और स्कूली छात्रों में इस ओर झुकाव दिन प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा है। शहरी और ग्रामीण क्षेत्र में नशा का प्रचलन बढ़ता जा रहा है। स्कूल- कॉलेज के आसपास बच्चों को सिगरेट का कश लेते देखा जा सकता है। इतना ही नहीं गांजा और भांग का भी सेवन किया जा रहा है। चाय, पान और किराना दुकानों में इसकी बिक्री होती है। गांजा को सिगरेट में भरकर बेचा जाता है।
क्या कहते हैं डॉक्टर
अनुमंडल अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ.मोहम्मद शाहिद बताते हैं कि नशा के सेवन से मान और मस्तिष्क पर बुरा प्रभाव पड़ता है। इससे जान जा सकती है। नशा करना हर दृष्टिकोण से शरीर के लिए हानिकारक है। सिगरेट, गुटका, तंबाकू, गांजा, भांग आदि का सेवन जानलेवा है। इससे हमारे शरीर की रोग प्रतिरोधी क्षमता घटती है। नशीले पदार्थ के सेवन से शरीर में धीमा जहर फैलता जाता है। इससे कैंसर, ब्लड प्रेशर, दमा, अंधापन, शक्तिहीनता, सर दर्द, कमजोरी, रक्त विकार, टीबी, खांसी, चिड़चिड़ाहट, थकान आदि जैसी गंभीर बीमारी जकड़ सकती है।
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