कोल इंडिया से रॉयल्टी-डीएमएफटी मद में सबसे ज्यादा पैसा झारखंड को
वित्तीय वर्ष 2024-25 में कोल इंडिया ने विभिन्न राज्यों को 60959.52 करोड़ रुपये का राजस्व भुगतान किया। झारखंड को सबसे ज्यादा 14047.44 करोड़ रुपये मिले। कोल इंडिया ने जीएसटी कंपनसेशन सेस के रूप में कुल...

धनबाद, मुकेश सिंह वित्तीय वर्ष 2024-25 में कोल इंडिया ने विभिन्न राज्यों की (केंद्रीय व राज्य एजेंसियों) को 60959.52 करोड़ राजस्व भुगतान किया है। कुल राजस्व भुगतान का 23 प्रतिशत यानी सबसे ज्यादा 14047.44 करोड़ झारखंड को प्राप्त हुआ है। सबसे ज्यादा भुगतान कोल इंडिया ने जीएसटी कंपनसेशन सेस के रूप में विभिन्न राज्यों को कुल 30409.90 करोड़ भुगतान किया है। जीएसटी सेस के रूप में झारखंड को 5725.33 करोड़, रॉयल्टी 4112.46 करोड़ एवं डीएमएफटी के रूप में 1230.19 करोड़ रुपए प्राप्त हुए हैं।
कम कोयला उत्पादन के बावजूद झारखंड को कोकिंग कोल के कारण ज्यादा पैसा मिला है। वित्तीय वर्ष 2024-25 में झारखंड स्थिति कोल इंडिया की अनुषंगी कंपनियों ने लगभग 150 मिलियन टन कोयला उत्पादन किया है। बीसीसीएल में 40.50 एमटी, सीसीएल में 87.54 एमटी, राजमहल 15.10 एमटी उत्पादन किया है। ईसीएल की चितरा और मुगमा एरिया के उत्पादन को मिला कर लगभग 150 मिलियन टन (कैप्टिव-कॉमर्शियल को छोड़) कोयला उत्पादन झारखंड में हुआ है।
कम कोयला उत्पादन के बावजूद झारखंड को रॉयल्टी और डीएमएफटी में ज्यादा पैसा महंगे कोकिंग कोल से है। मालूम हो कि रॉयल्टी का भुगतान कोयले की कीमत के आधार पर होता है। जिस दर पर कोयले की बिक्री होती है, उसका 14 प्रतिशत रॉयल्टी भुगतान किया जाता है। वहीं रॉयल्टी का 30 प्रतिशत डीएमएफटी के रूप में मिलता है।
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देश के कुल कोकिंग कोल का 60% धनबाद ने दिया
वित्तीय वर्ष 2024-25 में देश के कुल कोकिंग कोल उत्पादन का 90 प्रतिशत कोकिंग कोल झारखंड ने दिया। उक्त वित्तीय वर्ष में देश का कुल कोकिंग कोल उत्पादन 66.49 मिलियन टन हुआ। इनमें 59.43 मिलियन टन कोकिंग कोल का उत्पादन झारखंड में हुआ। झारखंड में अकेले धनबाद ने 60 प्रतिशत कोकिंग कोल का उत्पादन किया। राजस्व से संबंधित कोल इंडिया की ओर से जारी रिपोर्ट के अनुसार बीसीसीएल में 38.89 मिलियन टन एवं सीसीएल में 20.54 मिलियन टन कोकिंग कोल का उत्पादन हुआ।
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