'बिग कैट' ने बनाया अलकायदा का झारखंड मॉड्यूल, बहुत खतरनाक थे इरादे; चार्जशीट में क्या-क्या
झारखंड के अलकायदा मॉड्यूल को रांची से गिरफ्तार संदिग्ध डॉ इश्तियाक अहमद ने बिग कैट नाम के कोड वाले एक व्यक्ति के साथ मिलकर तैयार किया था। झारखंड पुलिस ने पूरक चार्जशीट दायर कर दी है।

झारखंड के अलकायदा मॉड्यूल को रांची से गिरफ्तार संदिग्ध डॉ इश्तियाक अहमद ने बिग कैट नाम के कोड वाले एक व्यक्ति के साथ मिलकर तैयार किया था। दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल ने अलकायदा इन इंडियन सबकॉटिनेंट के झारखंड मॉडयूल से जुड़े केस में पहली पूरक चार्जशीट दायर कर दी है।
बहुत खतरनाक थे इरादे
पूरक चार्जशीट में जिक्र है कि भारत के अलग-अलग हिस्सों में मॉब लिंचिंग और सांप्रदायिक दंगों की चर्चा कर जिहाद की तैयारी के लिए बिग कैट ने हथियार व गोला-बारूद खरीदने और भारत भर में आतंकी वारदात को अंजाम देने के लिए प्रेरित किया था। पूरक चार्जशीट में जिक्र है कि पीएम किसान योजना के माध्यम से आए धन को जमा कर इसका इस्तेमाल जिहाद की तैयारी के लिए किया गया। स्पेशल सेल के अधिकारियों ने चार्जशीट में दावा किया है कि मॉडयूल का हिस्सा रहे दो व्यक्ति पीएम किसान योजना के लाभार्थी थे और उन्होंने पैसे का इस्तेमाल आतंकवादी गतिविधियों के लिए हथियार खरीदने में किया था। स्पेशल सेल ने रांची में कथित हथियार खरीद से लेकर उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में शारीरिक प्रशिक्षण और राजस्थान-हरियाणा सीमा पर भिवाड़ी में हथियार प्रशिक्षण प्राप्त करने तक में शामिल आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया है।
साल 2021 में बिग कैट से हुआ संपर्क, हजारीबाज से खरीदी एके 47
रांची के एक निजी अस्पताल में रेडियोलॉजिस्ट रहे डॉ इश्तियाक अहमद का 2021 में टेलीग्राम एप पर बिग कैट आईडी का उपयोग करने वाले एक व्यक्ति से संपर्क हुआ था। टेलीग्राम पर ही भारतीय मुसलमानों पर हो रहे अत्याचार की बात कह बदले की कार्रवाई की बातें एक-दूसरे से साझा किया करते थे। चार्जशीट में जिक्र है कि बिग कैट ने चैट के माध्यम से इश्तियाक अहमद से जिहाद के लिए लड़ने के लिए और अधिक लोगों को शारीरिक और मानसिक रूप से तैयार करने के लिए कहा था। स्पेशल सेल ने दावा किया है कि आरोपी पुलिस की नजर में आए बिना युवा मुसलमानों को प्रशिक्षित करने के लिए एकांत स्थानों पर आश्रय स्थल बनाते थे। इसमें कहा गया है कि बुलंदशहर में प्रशिक्षण के पहले इश्तियाक अहमद की मुलाकात दिल्ली में बिग कैट से हुई और उसने हथियार खरीदने पर चर्चा की थी।
अधिकारियों का दावा है कि बिग कैट ने एक हथियार डीलर को मीटिंग के लिए हजारीबाग भेजा था। आरोपी ने 5-6 लाख रुपये में एके-47 की खरीद को अंतिम रूप दिया था। अधिकारियों ने बताया कि आरोपी राजस्थान-हरियाणा सीमा पर भिवाड़ी में किराए के मकान में रहते थे। पिछले साल 21 अगस्त को उन्हें डमी हथियार प्रशिक्षण दिया गया था। 22 अगस्त को गोलियां, पिस्टल, हथगोले व राइफल व बम बनाने के सामान के साथ आरोपियों की गिरफ्तारी हुई थी।
स्पेशल सेल की चार्जशीट में बताया गया है कि किस तरह रांची के विभिन्न गांवों के 11 लोग कथित तौर पर एक साथ मिलकर भारत भर में आतंकवादी गतिविधि को अंजाम देने की योजना बना रहे थे। पटियाला हाउस कोर्ट के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश हरदीप कौर की अदालत में 21 अप्रैल को विस्फोटक पदार्थ अधिनियम की धारा 7 के तहत आरोपी के खिलाफ पूरक आरोपपत्र के जरिए मंजूरी दाखिल की गई है। पूरक चार्जशीट को मुख्य चार्जशीट के साथ संलग्न किया गया है। वहीं यूएपीए की धारा 45 के तहत कार्रवाई की मंजूरी के लिए स्वीकृति सरकार से मांगी गई है। पूरक चार्जशीट में भी साजिश में शामिल आरोपियों की पहचान एनामुल अंसारी (32), शाहबाज अंसारी (32), अल्ताफ अंसारी (35), हसन अंसारी (32), अरशद खान (26), उमर फारूक (20), डॉ. इश्तियाक अहमद उर्फ XXकैप्टन (49), मोहम्मद रिजवान (40), मोती-उर-रहमान (40), मोहम्मद रहमानतुल्ला (30) और फैजान अहमद (47) के रूप में हुई है।