38 कोल ब्लॉक से पावर प्लांटों की निर्भरता कोयला कंपनियों पर से घटेगी
इस सप्ताह कोयला मंत्रालय ने कैप्टिव और कॉमर्शियल कोयला खदानों से उत्पादन की समीक्षा की। पावर कंपनियों को कोल ब्लॉक से उत्पादन बढ़ाने का निर्देश दिया गया। 38 कोल ब्लॉक बिजली क्षेत्र को आवंटित किए गए...

धनबाद, विशेष संवाददाता इसी सप्ताह कोयला मंत्रालय ने कैप्टिव एवं कॉमर्शियल कोयला खदानों से कोयला उत्पादन की समीक्षा की। इसमें खासकर पावर कंपनियों, जिन्हें बिजली उत्पादन के लिए कोल ब्लॉक आवंटित किए गए हैं, उन्हें कोयला उत्पादन बढ़ाने का निर्देश दिया गया। झारखंड स्थित कई कंपनियां भी बैठक में शामिल हुईं, जिन्हें कोल ब्लॉक आवंटित किया गया है। कुल 38 कोल ब्लॉक पावर सेक्टर को बिजली उत्पादन के लिए दिए गए हैं। एक्सपर्ट बताते हैं कि जब इन कोल ब्लॉक पूरी तरह ऑपरेशनल हो जाएंगे तो कई पावर प्लांट कोयले को लेकर आत्मनिर्भर हो जाएंगे। तब कोल इंडिया की अनुषंगी कंपनियों पर से कोयले के लिए पावर प्लांटों की निर्भरता कम हो जाएगी।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि एनटीपीसी लिमिटेड, अडानी पावर, हिंडाल्को इंडस्ट्रीज लिमिटेड, जिंदल स्टील एंड पावर लिमिटेड और डब्ल्यूबीपीडीसीएल जैसी प्रमुख कंपनियों सहित लगभग 70 आवंटियों ने बैठक में भाग लिया। कुल 79 कोयला ब्लॉक की समीक्षा की गई। इनमें से 61 खदानें वर्तमान में कोयला उत्पादन कर रही हैं, 8 चालू हैं लेकिन अभी तक उत्पादन नहीं कर रही हैं और 10 अभी भी चालू नहीं है। 61 चालू कैप्टिव और वाणिज्यिक कोयला खदानों में से 38 को बिजली क्षेत्र को, 11 को गैर-विनियमित क्षेत्र को और 12 को कोयले की बिक्री के लिए आवंटित किया गया है।
कैप्टिव और वाणिज्यिक खदानों से कोयला उत्पादन और प्रेषण दोनों में साल-दर-साल उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। कोयला उत्पादन में 29.79% की वृद्धि हुई, जो वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान 147.12 मिलियन टन (एमटी) से बढ़कर वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान 190.95 मिलियन टन हो गया। इसी तरह इन खदानों से कोयला प्रेषण में भी 33.36% की उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई, जो वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान 142.79 मिलियन टन से बढ़कर वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान 190.42 मिलियन टन हो गई।
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