मेडिकल कॉलेज में गंभीर बीमारियों की जांच शुरू
धनबाद मेडिकल कॉलेज अस्पताल में हिस्टोपैथोलॉजी, साइटोपैथोलॉजी, बॉडी फ्लूइड और एफएनएसी की जांच की सुविधा शुरू की गई है। अब मरीजों को निजी केंद्रों में नहीं जाना पड़ेगा। सभी जांचें मेडिकल कॉलेज में भर्ती...

धनबाद, अमित रंजन धनबाद मेडिकल कॉलेज अस्पताल (एसएनएमएमसीएच) में हिस्टोपैथोलॉजी, साइटोपैथोलॉजी, बॉडी फ्लूइड और एफएनएसी (फाइन नीडल एस्पिरेशन साइटोलॉजी) की जांच की सुविधा शुरू कर दी गई है। यहां पैथोलॉजी विभाग में ये सभी जांच की जा रही है। पहले इन जांचों के लिए मरीजों को निजी केंद्रों में भेजा जाता था। वहां उन्हें भारी भरकम खर्च उठाना पड़ता था। मेडिकल कॉलेज में भर्ती मरीजों की ये सभी जांच निशुल्क की जा रही है। ओपीडी के मरीजों से सरकार द्वारा निर्धारित न्यूनतम शुल्क लिया जाता है, जो निजी केंद्रों की अपेक्षा नहीं के बराबर है।
अस्पताल प्रबंधन के अनुसार इस तरह की जांच का सीधा लाभ मरीजों को मिल रहा है। इसकी शुरुआत से कैंसर, अल्सरेटिव कोलाइटिस, गर्भाशय फाइब्रॉएड, ट्यूमर जैसे गंभीर रोगों का शीघ्र और सटीक निदान संभव हो सकेगा। इससे मरीजों का समय, पैसा और परेशानी तीनों की बचत होगी। डॉक्टरों का कहना है कि मेडिकल कॉलेज में इन सुविधाओं का होना जरूरी था। यह संस्थान के इलाज की गुणवत्ता और सेवा स्तर में सुधार के लिए आवश्यक था। आनेवाले समय में इन जांचों की रिपोर्टिंग प्रक्रिया को और तेज और डिजिटल बनाने की तैयारी की जा रही है।
रोग पहचान में मिलेगी मदद
डॉक्टरों के अनुसार हिस्टोपैथोलॉजी और साइटोपैथोलॉजी जांच के जरिए कोशिकाओं और ऊतकों में होने वाले सूक्ष्म बदलावों को पहचाना जा सकता है। यह कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों की पुष्टि में मददगार होते हैं। एफएनएसी तकनीक की मदद से छोटी सुई के जरिए कोशिकाएं निकाली जाती हैं और उनकी जांच की जाती है। इस तकनीक से ट्यूमर का प्रारंभिक स्तर पर पता लगाया जा सकता है। बॉडी फ्लूइड जांच जैसे प्लीयूरल, पेरिटोनियल और सीरिब्रोस्पाइनल फ्लूइड (सीएसएफ) की जांच से भी संक्रमण, टीबी और कैंसर जैसे रोगों का सटीक मूल्यांकन किया जा सकता है।
बोन मैरो जांच की भी शुरुआत
एसएनएमएमसीएच में अब बोन मैरो की भी जांच की जा रही है। डॉक्टरों के अनुसार यह सुविधा विशेष रूप से ल्यूकेमिया, एनीमिया और अन्य रक्त संबंधी रोगों की पहचान के लिए अत्यंत आवश्यक है। पहले इस जांच के लिए मरीजों को रांची या कोलकाता जैसे बड़े शहरों का रुख करना पड़ता था।
मरीजों के लिए बड़ी राहत
पैथोलॉजी विभाग की प्रमुख डॉ राजकुमार सिंह ने बताया कि अब मरीजों को जांच के लिए भटकना नहीं पड़ेगा। यहीं जांच होगी और समय पर इलाज शुरू हो सकेगा। इससे न केवल मरीजों की स्वास्थ्य स्थिति में सुधार होगा, बल्कि अस्पताल पर लोगों का विश्वास भी और मजबूत होगा।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।