रख-रखाव के अभाव में बूढ़े हो रहे पेड़ों के गिरने का बढ़ा खतरा
धनबाद के लुबी सर्कुलर रोड में 100 साल पुराने 50 से अधिक पेड़ हैं जो धीरे-धीरे कमजोर हो रहे हैं। हाल की आंधी में एक पेड़ गिरने से कार को नुकसान हुआ। नगर निगम और वन विभाग की अनदेखी से इन पेड़ों की...

धनबाद, प्रमुख संवाददाता शहर के लूबी सर्कूलर रोड में लगभग 100 वर्ष पुराने 50 से अधिक पेड़ हैं। शहरी इलाकों में सबसे बूढ़े पेड़ होने का दर्जा इन्हें प्राप्त है। पिछले हफ्ते आई आंधी-बारिश में एक पुराना पेड़ सड़क के किनारे खड़ी कार पर जा गिरा। कार का अगला हिस्सा पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया। रख-रखाव के अभाव में ये पेड़ धीरे-धीरे पुराने और कमजोर हो रहे हैं। पेड़ की चारों ओर कंक्रीट की दीवार और सड़क बन चुकी है। इनके जड़ों तक पानी नहीं पहुंच पा रहा है। नतीजा यह काफी कमजोर हो गए हैं। धनबाद में लुबी सर्कुलर रोड का इलाका ही अभी से अधिक ग्रीन एरिया वाला है।
यहां 100-150 साल पुराने पेड़ हैं। हर बरसात में एक-दो पेड़ गिर जाने की वजह से हर साल इनकी संख्या घट रही है। इन पेड़ों से लोगों को छांव तो मिल ही रहा है साथ ही साथ यहां की हवा भी धनबाद में सबसे अधिक प्रदूषण मुक्त है। इतने उपयोगी पेड़ों को बचाने की चिंता न नगर निगम को है और न ही वन विभाग कोई प्रयास कर रहा है। पेड़ों की हालत ऐसी है कि इसमें होर्डिंग-पोस्टर के लिए कील ठोंककर इसे कमजोर किया जाता है। आश्चर्य इस बात की है कि इसी सड़क पर नगर निगम का कार्यालय है लेकिन इन पेड़ों पर ठोके जा रहे कील को रोकने वाला कोई नहीं है। ----------- पुराने पेड़ों से किसी भी दिन हो सकता है बड़ा हादसा धनबाद के लुबी सर्कुलर रोड में मौजूद पुराने पेड़ धीरे-धीरे कमजोर हो गए हैं। बरसात के दिनों में इसके गिरने का खतरा बना रहता है। इनके संरक्षण को लेकर कोई काम नहीं हो रहा है। यहां तक कि किसी भी योजना को पूरी करने में अगर पेड़ बीच में आ जाए तो उसे काट दिया जाता है। नगर निगम ने लुबी सर्कुलर रोड में भी छोटे-छोटे पार्क बनाने के लिए कई पेड़ों को काटा है। ---------- इन सड़कों पर हुई 100 साल पुराने पेड़ों की कटाई सिटी सेंटर-बरवाअड्डा सड़क: 416 गोविंदपुर-महुदा फोरलेन सड़क: 3142 गोल बिल्डिंग काको मोड़ आठ लेन सड़क: 5081 बैंकमोड़ सिंदरी सड़क: 100 गोविंदपुर-गिरिडीह सड़क: 7097 बरवाअड्डा-मैथन सड़क: 600 --------- धनबाद के लुबी सर्कुलर रोड में जितने भी पेड़ हैं, वह काफी उपयोगी हैं। इससे वातावरण शुद्ध रहता है। पेड़ों की जड़ें इतनी नीचे चली गई है कि पेड़ उससे अपना भोजन तैयार कर लेता है। अलग से इसे संरक्षित करने की जरूरत नहीं है। जो पेड़ समय के साथ कमजोर हो जाते हैं, वह आंधी-बारिश में गिर जाते हैं। - विकास पालीवाल, डीएफओ
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