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कोरोना थमने तक जेबीसीसीआई के लिए करना होगा इंतजार

कोरोना का कहर जब तक जारी है तब तक जेबीसीसीआई के लिए इंतजार करना होगा। जेबीसीसीआई का यदि गठन भी हो जाता है तो यूनियनें ऑनलाइन बैठक के पक्ष में नहीं...

Newswrap हिन्दुस्तान, धनबादMon, 17 May 2021 03:43 AM
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कोरोना थमने तक जेबीसीसीआई के लिए करना होगा इंतजार

कोरोना थमने तक जेबीसीसीआई के लिए करना होगा इंतजार

धनबाद। विशेष संवाददाता

कोरोना का कहर जबतक जारी है, तबतक जेबीसीसीआई के लिए इंतजार करना होगा। जेबीसीसीआई का यदि गठन भी हो जाता है, तो यूनियनें ऑनलाइन बैठक के पक्ष में नहीं हैं। नेताओं का कहना है कि कोयला वेतन समझौता पर चर्चा बिना आमने-सामने बैठे संभव नहीं है। ऑनलाइन बैठक से फैसला संभव नहीं है। मालूम हो कि जेबीसीसीआई की कई-कई बैठकें होती हैं और घंटों चलती है। इसलिए प्रबंधन और यूनियन नेताओं को आमने-सामने बैठक कर ही सहमति बनेगी। फिलहाल जेबीसीसीआई गठन की राह में कई और कील कांटे हैं, जिन्‍हें दूर करने के बाद ही चर्चा संभव है। फिलहाल अभी यह स्‍पष्‍ट नहीं है कि किन-किन निजी कोल कंपनियों को जेबीसीसीआई में शामिल किया जा सकता है। कोल इंडिया ने उक्‍त मामले में मंत्रालय से ही मार्गदर्शन मांगा है एवं निजी कंपनियों की जानकारी देने का आग्रह किया है।

इधर, विभिन्‍न सेंट्रल ट्रेड यूनियन के नेताओं ने हिन्‍दुस्‍तान से बातचीत में कहा कि अबतक कोल इंडिया से जेबीसीसीआई गठन को लेकर यूनियनों से संपर्क नहीं साधा गया। फिलहाल, किसी यूनियन से नाम तक नहीं मांगा गया है। मानकीकरण समिति की बैठक होने के बाद ही इस दिशा में पहल हो सकती है। स्‍थिति को देख यही कयास लगाया जा रहा है कि इस बार भी समय पर वेतन समझौता संभव नहीं है। 30 जून तक वेतन समझौता-10 की अवधि है। नए वेतन समझौता होने में जेबीसीसीआई गठन के बाद भी छह सात महीने का वक्‍त लग सकता है।

गठन पूर्व इन दो मुद़दों पर स्‍थिति स्‍पष्‍ट होनी जरूरी

-- निजी कंपनियों को जेबीसीसीआई में शामिल करने की सलाह मंत्रालय ने कोल इंडिया को दी है। वेतन समझौता चार के बाद निजी कंपनियां जेबीसीसीआई से दूर रही हैं। कोल इंडिया की तर्ज पर निजी कंपनियां अपने कर्मियों को वेतन नहीं देती हैं। इसलिए शायद ही निजी कंपनियां जेबीसीसीआई में शामिल होंगी।

-- इंटक विवाद भी जेबीसीसीआई गठन की राह में बड़ी बाधा है। यूनियन सूत्रों की मानें, तो इंटक के सभी धड़े एकमत होंगे, तभी जेबीसीसीआई में इंटक को प्रतिनिधित्‍व संभव है। अन्‍यथा जेबीसीसीआई 10 की तरह इंटक को फिर बाहर रहना पड़ सकता है। बहरहाल, इंटक मामले पर एक राय संभव नहीं जान पड़ता।

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