बच्चे से करियर पर बात करने की क्या है सटीक उम्र? जानें सही वक्त और तरीका
हर काम की तरह बच्चों से करिअर से जुड़ी बातचीत करने का भी एक सटीक समय होता है। कैसे अपने बच्चे को दिखाएं करिअर की सही राह, बता रही हैं दिव्यानी त्रिपाठी।

बड़े होकर क्या बनोगे? मैं बड़ा होकर डॉक्टर बनूंगा और मैं इंजीनियर। अकसर बच्चों से यह सवाल पूछा जाता है और वह तोतली जुबान में रटे-रटाए जवाब देते हैं। कभी उन्होंने ये शब्द लोगों से सुने होते हैं, तो कभी अपनों के बताए हुए अल्फाजों को वह अपनी जुबान से दोहरा देते हैं। पर, कभी आपने सोचा है कि अपने बच्चों से उनके करिअर के बारे में सवाल करने और उन्हें सही राह दिखाने का सही वक्त क्या है? क्या आपने अपने बच्चे से सही वक्त और तरीके से सवाल किया है? अगर नहीं तो जरूर कीजिए। अब सवाल उठता है कि आखिर करिअर के बारे में बात करने की सटीक उम्र है क्या? करिअर कोच प्रोफेसर विवेक मिश्रा की मानें तो आपको यह सवाल तब करना चाहिए, जब आपका बच्चा कक्षा आठ में पहुंच जाए यानी उसकी उम्र लगभग 12 से 14 साल की हो। यह वह वक्त होता है, जब बच्चा उस जगह पर खड़ा होता है जहां वह अपनी रुचि, अपनी शक्ति को भांप सकता है। यह वह वक्त होता है, जब उसकी रुचि गहराने लग जाती है। ऐसे में जरूरत है तो बस उसकी रुचियों को समय रहते समझने और उन पर चर्चा करने की। और हां, यहां इस बात का भी ख्याल रखना है कि आपको सिर्फ उसका मार्गदर्शन करना है, उस पर दबाव नहीं डालना है।
सही मौके पर करें बात
वक्त के साथ-साथ किसी भी बारे में चर्चा करने का मौका भी दुरुस्त होना चाहिए। इसके लिए सबसे ज्यादा जरूरी बात यह है कि आप ऐसे वक्त का चुनाव करें जब आप दोनों ही शांत हों। अगर बच्चा बात करने में रुचि नहीं दिखा रहा है या फिर आप दोनों के बीच किसी भी बात को लेकर तनाव है तो अपनी चर्चा को कुछ समय के लिए बंद कर दीजिए। बेहतर मौके की तलाश कीजिए। जैसे साथ में यात्रा करते वक्त। ऐसी अनौपचारिक बातचीत के वक्त बच्चा सहज रह सकता है क्योंकि उसे मालूम है कि आपका पूरा ध्यान उस पर नहीं है। उससे अप्रत्यक्ष सवाल किए जा सकते हैं जैसे- अगर आपको दुनिया में कोई भी नौकरी करनी पड़े तो वह कौन होगी? आप स्कूल की पढ़ाई खत्म होने के बाद क्या करना चाहोगे? हमेशा चर्चा साधारण सवालों से शुरू कीजिए, सीधे मुद्दे से नहीं। आपके बच्चे को ऐसा नहीं लगना चाहिए कि आप उसके मामले में दखल दे रही हैं या किसी खास मकसद से उससे बात करने आई हैं।
समझाएं त्रिकोण का महत्व
त्रिकोण, जी सही पढ़ा आपने। त्रिकोण करिअर के वे बिंदु हैं, जिन पर गौर करके चुना गया करिअर आपको कभी भी अपराधबोध या गलती का अहसास नहीं होने देगा। अब आप सोच रही होंगी कि भला यह त्रिकोण क्या है? इस बाबत मनोचिकित्सक डॉ. स्मिता श्रीवास्तव कहती हैं कि करिअर का चुनाव करते से पहले बच्चे से सवाल कीजिए कि आप जो भी चुनाव कर रहे हैं उसमें आपको संतुष्टि मिल रही है? लाइफ स्टाइल कैसी होगी? और पैसे कितने मिलेंगे? इन तीन सवालों के जवाब फैसला लेने में मददगार होंगे। अभिभावक होने के नाते आपको उन्हें इसके महत्व को सही समय और सही तरीके से समझाना होगा ताकि उनके भविष्य की राह आसान हो सके।
कलात्मकता के लिए कीजिए जल्दी शुरुआत
अगर आपका बच्चा कला, खेल सरीखे कलात्मक क्षेत्रों में अपने करिअर विकल्प की तलाश में है तो उसकी रुचि को भांपकर उसे करिअर का आकार देने के प्रयास जल्दी शुरू करना पड़ेगा। इस बाबत विवेक कहते हैं कि कलात्मक क्षेत्र में करिअर बनाने के लिए उस पर चर्चा और निर्णय के लिए आठवीं और दसवीं का इंतजार से बेहतर होगा कि उम्र के शुरुआती वर्षों में ही उसे उस विधा को सीखने की ओर कदम बढ़ा लेने चाहिए ताकि करिअर का चुनाव करने के वक्त तक वह उसमें परिपक्व हो सके। और हां, अगर उस क्षेत्र में सफलता की संभावनाओं को लेकर आप चिंता में रहती हैं तो बेहतर होगा कि आप बच्चे को करिअर के दूसरे विकल्प के लिए भी तैयार रखें। बकौल, विवेक हर शख्स कामयाब हो जरूरी नहीं। यों तो यह बात हर करिअर विकल्प पर लागू होती है पर, कलात्मक करिअर विकल्पों में यह सोच या भय ज्यादा परेशान कर सकता है। लिहाजा, बच्चे की पढ़ाई और करिअर के विकल्प पर काम करना जरूरी है। उदाहरण के लिए आप मशहूर लोगों को भी देख सकती हैं जैसे किक्रेटर अनिल कुंबले, अदाकार आर माधवन, तापसी पन्नु ने इंजीनियरिंग की भी पढ़ाई की है। यानी अभिभावकों की यह जिम्मेदारी बनती है कि बच्चे रुचि के फेर में पढ़ाई से समझौता न करें ताकि उनके पास हमेशा करिअर का दूसरा विकल्प भी उपलब्ध रहे।
कुछ बातों का रखें ख्याल
यह करिअर तुम्हारे लिए नहीं है...जैसी बातें बच्चों से न करें। अगर आपको बच्चे में उस करिअर विकल्प के लिए जरूरी गुण नजर नहीं आ रहे हैं तो सीधे-सीधे कहने के बजाय उस करिअर विकल्प में आने वाली दुश्वारियों का उसे अहसास कराएं। आप उसके रुझान को ध्यान रखते हुए अन्य विकल्पों को देकर उसमें जाने की सलाह दे सकती हैं।
बच्चों की छोटी-छोटी बातों पर गौर करें। इनसे आप उनकी रुचि के बारे में जान सकती हैं।
बच्चों के सवालों जैसे चार्टेड अकाउंटेड क्या करते है? एयर होस्टेज बनने के लिए क्या करना होता है? को न टालें। उन्हें इनके बारे जानकारी दें। अगर आपके पास इन सवालों के जवाब नहीं हैं, जानकारी जुटाकर या जानकारी रखने वालों लोगों से उसकी बातचीत जरूर करवाएं।
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