Katrass Market Weekly Haat Centuries-Old Tradition Faces Modern Challenges बोले धनबाद: कतरास हटिया की कहानी, न शौचालय और न पानी, Dhanbad Hindi News - Hindustan
Hindi NewsJharkhand NewsDhanbad NewsKatrass Market Weekly Haat Centuries-Old Tradition Faces Modern Challenges

बोले धनबाद: कतरास हटिया की कहानी, न शौचालय और न पानी

कतरास हटिया एक पुरानी साप्ताहिक बाजार है, जो 100 साल से अधिक समय से संचालित हो रही है। यहां 30,000 से अधिक लोग जुड़े हैं, लेकिन सुविधाओं की कमी है। दुकानदारों ने नगर निगम से शौचालय, पेयजल और शेड जैसी...

Newswrap हिन्दुस्तान, धनबादTue, 15 April 2025 01:47 AM
share Share
Follow Us on
बोले धनबाद: कतरास हटिया की कहानी, न शौचालय और न पानी

कतरास हटिया बहुत ही पुरानी है। कतरास के लोगों का ही कहना है कि आजादी के पहले से कतरास बाजार में साप्ताहिक हटिया लगती है। यहां आसपास से 15-20 किलोमीटर की दूरी से ग्रामीण सब्जी तथा अन्य सामान बेचने आते हैं। आसपास की 30 हजार की आबादी इस हटिया से जुड़ी है। हटिया में जरूरत की हर सामग्री मिलती है। हर रविवार को साप्ताहिक हटिया लगती है। कुछ लोग सामान बेचने तो कुछ लोग सामान की खरीद के लिए आते हैं। लोगों का ही कहना है कि कतरास राजा के जमाने से ही यहां हटिया लगती थी। पहले इसका स्वरूप कुछ दूसरा था, अब इसका स्वरूप बदल गया है लेकिन इसके बाद भी बड़ी संख्या में यहां खरीदार आते हैं। हर दिन लाखों का कारोबार होता है। इसके बाद भी हटिया में सुविधाओं की कमी है।

कतरास बाजार हटिया यहां के लोगों के लिए महत्वपूर्ण है। 100 साल से भी अधिक समय से यह हटिया संचालित है। इस हटिया से कतरास शहर तथा इसके आसपास के गावों के 30 हजार से भी अधिक की आबादी जुड़ी है। कतरास शहर से साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्र के लोग भी रविवार को लगने वाली साप्ताहिक कतरास बाजार हटिया में खरीदारी करने लिए आते हैं। आसपास के ग्रामीण भी यहां सब्जी बेचने से से लेकर अन्य सामान की बिक्री के लिए आते हैं। हटिया से नगर निगम को प्रतिवर्ष 19 लाख रुपए के राजस्व की प्राप्ति होती है। इसके बाद भी यहां सुविधाओं का अभाव है। न सही तरीके से शेड बना हुआ है और न ही कोई सार्वजनिक शौचालय ही बना हुआ है। दूसरी सुविधाएं भी नहीं हैं। हमारी मांग है कि हटिया में सार्वजनिक शौचालय बनाए जाएं। पीने के पानी की व्यवस्था हो तथा सही तरीके से शेड बनाए जाए। उक्त बातें कतरास बाजार हटिया में कारोबार करने वालों ने आपके अपने अखबार हिन्दुस्तान से कही। हिन्दुस्तान अखबार की बोले धनबाद की टीम कतरास बाजार हटिया के लोगों से मिलने गई थी। वहां के लोगों ने खुलकर अपनी बातें रखीं।

हटिया में खरीद-बिक्री के लिए आए लोगों ने बताया कि यह हटिया नगर निगम के वार्ड एक में है। कतरास बाजार में आजादी के पूर्व राजा के जमाने से हटिया लगती आ रही है। नगर निगम को इससे राजस्व की भी प्राप्ति होती है। 20 दशक पुरानी साप्ताहिक हटिया में सुविधाओं का अभाव है। यहां के दुकानदारों ने बताया कि कई बार नगर निगम से यहां सुविधा बढ़ाने की मांग की गई लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। निगम हटिया के लिए डाक का आयोजन करता है। वर्तमान में एक साल के लिए 19 लाख रुपए में डाक लिया गया है। इसके बावजूद कतरास हटिया में कोई सुविधा उपलब्ध नहीं कराए जाने से व्यवसायियों समेत दुकानदारों व ग्राहकों में काफी आक्रोश व्याप्त है। 50 हजार की आबादी के बीच बनी कतरास हटिया में न ही शौचालय है और न ही पानी-बिजली की कोई व्यवस्था है। हटिया परिसर में पेवर ब्लॉक के नहीं बिछाए जाने से बारिश के मौसम में कीचड़नुमा जमीन पर ग्रामीण अपनी दुकान लगाने को मजबूर होते हैं। स्थिति यह है कि हटिया में राजस्व वसूली के लिये संवेदक के बैठने के लिए भी कोई स्थान नहीं है। हटिया में चारों ओर गंदगी का अंबार लगा रहता है। हटिया में प्रतिदिन हजारों ग्राहक खरीदारी करने आते हैं, लेकिन यहां कोई यूरिनल है और न ही कोई शौचालय। दुकानदारों ने बताया कि हटिया परिसर में सामान्य दिनों में भी कुछ दुकानें लगती हैं। रविवार को 300 से भी अधिक अस्थायी दुकानें लगती हैं। इस दिन खरीदारी के लिए भी सामान्य दिनों से अधिक लोग आते हैं। ऐसे में ट्रैफिक जाम की भी स्थिति बन आती है। इसके समाधान के लिए भी कोई प्रयास नहीं किया जाता है।

15-20 किलोमीटर दूर से आते हैं ग्रामीण : कतरास बाजार हटिया में 15-20 किलोमीटर की दूरी तय कर ग्रामीण अपनी सब्जी तथा अन्य सामग्री बेचने आते हैं। आसपास के गांव श्रीरामपुर, रघुनाथपुर, निचितपुर एक, फुलवार, बेहराकुदर, धारिकरो, कांको, धावाचिता, जमुआटांड़, झींझीपहाड़ी, मालकेरा, फाटामहुल, लश्करीटांड़ के लोग हटिया में अपनी-अपनी दुकान लगाने पहुंचते हैं। रविवार के दिन लगने वाली साप्ताहिक हटिया में कतरास बाजार के आसपास की कई पंचायतों के अधीन पड़ने वाले लगभग एक दर्जन से अधिक गांवों के लोग समेत शहरवासी पाठा खरीदारी से लेकर अन्य कई सामान की खरीदारी करते हैं। इस कारण यहां भीड़ उमड़ती है, लेकिन वाहनों को सुरक्षित खड़ा रखने तक की व्यवस्था नहीं है।

सुझाव

1. कतरास बाजार हटिया में सुलभ शौचालय की व्यवस्था हो। ताकि दुकानदारों और हटिया आने वाले लोगों को परेशानी न हो।

2. कतरास बाजार हटिया में पेयजल की व्यवस्था की जाए। व्यवस्था नहीं होने से पानी के लिए लोगों को भटकना पड़ता है।

3. कतरास बाजार हटिया में शेड का निर्माण किया जाए। शेड का निर्माण होने से दुकानदारों को गर्मी व बरसात में राहत मिलेगी।

4. कतरास बाजार हटिया परिसर में पेवर ब्लॉक बिछाया जाए। ताकि बरसात व अन्य दिनों में आवागमन में कोई परेशानी नहीं हो।

5. हटिया में सुरक्षा के लिए पुलिस की तैनाती की जाए तथा पेट्रोलिंग की व्यवस्था हो। ताकि शांति व्यवस्था बहाल रहे।

शिकायतें

1. कतरास बाजार हटिया में ग्राहकों व दुकानदारों के ठहरने के लिए शेड की व्यवस्था नहीं है। इसकी सख्त जरूरत है।

2. कतरास बाजार हटिया में एक भी शौचालय नहीं है। शौचालय नहीं रहने से खासकर महिलाओं को ज्यादा परेशानी होती है।

3. रविवार के दिन लगने वाले साप्ताहिक हटिया में वाहनों के खड़ा रखने के लिए स्टैंड की व्यवस्था नहीं है।

4. हटिया में पेयजल व दुकानदारों के लिए शेड की कोई व्यवस्था नहीं है। शेड की व्यवस्था जल्द से जल्द होनी चाहिए।

5. बारिश के मौसम में हटिया परिसर कीचड़मय हो जाने से यहां फिसलन की स्थिति उत्पन्न हो जाती है। इसको लेकर पहल होनी चाहिए।

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।