Urban Development in Nawadih Faces Challenges Residents Demand Solutions to Waterlogging Issues बोले धनबाद: नावाडीह के लोगों को सताता है जलजमाव का डर, Dhanbad Hindi News - Hindustan
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बोले धनबाद: नावाडीह के लोगों को सताता है जलजमाव का डर

धनबाद रेलवे स्टेशन के पास नावाडीह क्षेत्र तेजी से विकसित हो रहा है, लेकिन जलजमाव जैसी समस्याएं बढ़ रही हैं। स्थानीय निवासियों ने प्रशासन से मदद की गुहार लगाई है। बारिश के दौरान पानी भर जाने से लोग...

Newswrap हिन्दुस्तान, धनबादSat, 12 April 2025 03:02 AM
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बोले धनबाद: नावाडीह के लोगों को सताता है जलजमाव का डर

धनबाद रेलवे स्टेशन से महज तीन किलोमीटर की दूरी पर नावाडीह है। यह इलाका तेजी से विकसित हो रहा है। आबादी भी दिन प्रतिदिन घनी होती जा रही है। नई आवासीय कॉलोनियां बन रही हैं। अपार्टमेंट तथा मॉल भी बन गए हैं। यहां की ऊंची-ऊंची इमारतें नावाडीह के तेजी से शहरीकरण की गवाही दे रहे हैं। एक तरफ मकान, व्यावसायिक प्रतिष्ठान तथा मॉल खुलते जा रहे हैं, ऐसे में लोगों की आवश्यकताएं भी बढ़ती जा रही है। नागरिक सुविधाओं की चाहत भी बलबती हो रही है, लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है। जितनी तेजी से क्षेत्र में मकान तथा दुकान बन रहे हैं, उतनी तेजी से नागरिक सुविधाओं का विकास नहीं हो रहा है। यहां से लोगों के लिए सबसे बड़ी परेशानी का सबब भी यही है। आठ लेन सड़क बनने से इस क्षेत्र की महत्ता बढ़ गई है लेकिन इसके साथ ही कुछ नई परेशानियों ने भी जन्म लिया है। सबसे अधिक परेशानी बारिश के बाद होती है। जलजमाव के कारण लोगों को पैदल चलना भी दुश्वार हो जाता है। स्थिति यह रहती है कि लोग घरों में कैद होने के लिए मजबूर हो जाते हैं।

झारखंड की पहली 8 लेन सड़क के किनारे बसा है नावाडीह। यहां तेजी से आवासीय कॉलोनियों का विकास हो रहा है। मॉल तथा अपार्टमेंट भी बन रहे हैं। नावाडीह के लोगों की जीवनशैली में भी बदलाव आ गया है। रोजगार के साधनों का भी विकास हुआ है लेकिन इसके साथ कई परेशानियां भी आन पड़ी हैं। सबसे बड़ी परेशानी जलजमाव की है। व्यवस्थित तरीके से क्षेत्र का विकास नहीं होने के कारण पानी की निकासी की सही व्यवस्था नहीं रहने के कारण यह परेशानी और बढ़ गई है। बरसात में तो पैदल चलना भी मुश्किल हो जाता है। निगम तथा प्रशासन से हमारी मांग है कि इस परेशानी से हमें निजात दिलाई जाए। उक्त बातें नावाडीह के लोगों ने आपके लोकप्रिय अखबार हिन्दुस्तान से कहीं। हिन्दुस्तान अखबार की बोले धनबाद की टीम नावाडीह के लोगों से मिलने गई थी। वहां के लोगों ने बोले धनबाद की टीम से अपनी परेशानी साझा की तथा इसके समाधान में मदद की गुहार लगाई।

लोगों ने कहा कि बरसात में नावाडीह के अधिकतर घरों में पानी घुस जाता है। आठ लेन सड़क भी पानी से लबालब भर जाती है। बारिश का पानी लंबे समय तक नहीं निकलता है। अगर लगातार दो-तीन दिन बारिश हुई तो स्थिति बदतर हो जाती है। लोग घरों में कैद होकर रह जाते हैं। स्थानीय लोगों ने बताया कि आठ लेन सड़क के दोनों किनारों में नाली भी बनायी गई है लेकिन बारिश का पानी नाली में नहीं जाकर नावाडीह बस्ती में प्रवेश कर जाता है। पूछने पर लोगों ने कहा कि सड़क तथा नाली बनाने वाली एजेंसियों की लापरवाही की वजह से यह सब हो रहा है। नाली का डिजाइन ही ठीक नहीं है। पुल तथा कल्वर्ट भी ठीक तरह के काम नहीं कर रहे हैं। हमारी मांग है कि इस समस्या का समाधान किया जाए। नावीडीह के लोगों ने कहा कि इसी तरह की कई अन्य समस्याएं भी हैं। इसका भी समाधान नहीं हो रहा है।

आसपास के निवासियों का कहना है कि समस्या समाधान के लिए पहले ही धनबाद के डीसी को लिखित शिकायत दी थी, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। एक साल बीत जाने के बाद भी डीसी और नगर निगम की ओर से कोई पहल नहीं की गई है। लोगों का कहना है कि कुछ दिन बाद ही बारिश की शुरुआत हो जाएगी और परेशानियां भी बढ़ जाएंगी। स्थानीय लोगों ने बताया कि मोहल्लों की सड़कों का बुरा हाल है। सड़कों की भी मरम्मत की जाए। स्थानीय लोगों का कहना है कि आठ लेन वाली सड़क का उद्घाटन एक साल पहले कर दिया गया है लेकिन स्ट्रीट लाइट नहीं जलती है। रात में घना अंधेरा छाया रहता है। इससे दुर्घटना की भी आशंका बनी रहती है। स्थानीय लोगों का कहना है कि करोड़ों रुपए खर्च कर आठ लेन सड़क बना दी गई है लेकिन कुछ हजार रुपए के लिए स्ट्रीट लाइट नहीं लगाई गई है। इस पर प्रशासन को ध्यान देने की जरूरत है। बरसात भी आने वाला है। इसके पहले स्ट्रीट लाइट की व्यवस्था हो जाए तो लोगों की परेशानी कुछ कम होगी।

शिकायतें

1. कई बार की शिकायत के बाद भी जलजमाव से नहीं मिली निजात।

2. नालियों का नहीं किया जा रहा है निर्माण।

3. लिखित शिकायत के बाद भी नाली से नहीं हटाया गया अतिक्रमण।

4. मोहल्लों की सड़कों का भी नहीं किया गया निर्माण।

5. स्ट्रीट लाइट की भी नहीं की गई है व्यवस्था।

सुझाव

1. ड्रेनेज सिस्टम का विकास किया जाए।

2. जलजमाव से निजात की व्यवस्था करें प्रशासन।

3. कच्ची नालियों की जगह पक्की नाली बनाई जाए।

4. सड़कों का निर्माण किया जाए।

5. नाला से हटाया जाए अतिक्रमण।

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