खेत से पाइप नहीं निकाले जाने से किसानों ने किया बवाल
धालभूमगढ़ में किसानों ने ओम साइन कंस्ट्रक्शन द्वारा खेतों में बिना अनुमति के पाइपलाइन बिछाने का विरोध किया। किसानों ने बताया कि रात में काम किया जा रहा है, जिससे उनकी फसलों को नुकसान हो रहा है। कंपनी...

धालभूमगढ़, संवाददाता। धालभूमगढ़ पावड़ा नरसिंहगढ़ पंचायत के घोड़ादुआ मौजा में वाटर रिसोर्ट डिपार्टमेंट की स्वीकृति से स्वर्णरेखा कैनाल से जोड़कर किसानों के खेतों के लिए सिंचाई के लिए ओम साइन कंस्ट्रक्शन द्वारा पाइपलाइन बिछाया जा रहा है। ओम साइ कंस्ट्रक्शन द्वारा पाइप बिछाने के लिए रैयतदारों को या किसानों को किसी प्रकार की सूचना नहीं दी जा रही है, और न ही ग्राम सभा आदि करके जानकारी दी जा रही है। कंपनी के कर्मियों से पूछने पर सही और संतोषजनक जवाब नहीं मिल रहा है। कंपनी का कौन व्यक्ति इस संबंध में सटीक जानकारी देगा या देने के लिए अधिकृत है, की जानकारी नहीं दी जाती है। किसानों के मनाही के बाद भी रात्रि में उनके खेतों में डी पाइप बिछा दिया जा रहा है, क्योंकि 14 इंच का पाइप डालने के लिए 12 से 14 फुट की खुदाई की जा रही है। इससे किसानों की समतल भूमि खराब हो रही है। कुछ किसानों द्वारा अपने खेत में तरबूज और मकई के बीज डालें गए थे, वह भी नष्ट हो गया। 14 इंच की डी आई पाइप डालने में 12 से 14 फुट खेतों को कोड़ दिया जा रहा है, ऐसी स्थिति में खेत के नक्शे में परिवर्तन होना स्वाभाविक है। पाइप बिछाने के क्रम में पिछले सोमवार को घोड़ादुआ के किसान रमेश नामता, अनुराधा पाल, विश्वजीत चटर्जी, सत्यनारायण शाह, सीताराम साहू आदि लोगों के खेतों में मनाही के बाद भी पाइप बिछा दिया गया था। फिर किसानों के विरोध के बाद सभी की जमीन से पाइप निकाल लेने की बात पर सहमति बनी थी। मगर दो किसानों के खेत से पाइप निकाल ने के बाद बाकी किसानों के खेत में पाइप छोड़ दिया गया। इसके विरोध में रविवार को किसानों ने कंपनी के स्थानीय भंडारण स्थल पर जमकर बवाल किया। उपस्थित कंपनी के कनीय अभियंता श्रीमंत साधु ने कहा हमारे पास नक्शा है और काम करवाने का कार्य आदेश भी है। परंतु पिछले 15 दिनों से किसी भी प्रकार के कागजात प्रस्तुत नहीं कर पा रहे हैं।
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