सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में बेपटरी स्वास्थ्य व्यवस्था
जमुआ में 30 बेड का सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र है, जो कागज पर 24 घंटे खुला रहता है। लेकिन रात में यह बंद हो जाता है, जिससे मरीजों को गिरिडीह या धनबाद जाना पड़ता है। रात में इलाज न होने से अक्सर हंगामे...

जमुआ। जमुआ में 30 बेड का सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र संचालित है। पानी बिजली जैसी बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध है। कागज पर यह केंद्र सातों दिन 24 घंटे संचालित होता है। लेकिन वास्तविकता इससे अलग है, रात में यह सेंटर बंद हो जाता है। देर रात यहां इलाज के लिए आने वाले मरीजों को कोई चिकित्सीय सुविधा नहीं मिल पाती है। इलाज के लिए उन्हें गिरिडीह या धनबाद जाना पड़ता है। बताते चले कि क्षेत्रफल की दृष्टि से गिरिडीह जिला के सबसे बड़ा प्रखंड जमुआ है। बावजूद जिम्मेवार अधिकारी इस केंद्र के महत्व को गंभीरता से नहीं लेते। जमुआ स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में मरीजों को सिर्फ दिन में इलाज मिलता है। रात में कोई डॉक्टर यहां नहीं रहते है। यह केंद्र रात में बंद रहता है। रात में तबियत बिगड़ने पर मरीजों को प्राइवेट अस्पतालों का रुख करना पड़ता है। सबसे आश्चर्यजनक यह है कि यहां सबसे अच्छा कोई प्राइवेट अस्पताल नहीं है। मरीजों को गिरिडीह, धनबाद जाने के अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं बचता है । गिरिडीह यहां से लगभग 25 किलोमीटर और धनबाद 70 किलोमीटर दूर है।
अक्सर होते रहता है हंगामा: जमुआ सामुदायिक केंद्र में रात में इलाज नहीं होने के कारण यहां अक्सर हंगामा होते रहता है। सड़क दुर्घटना हो,या अन्य कोई आपात स्थिति में यहां आने वाले मरीज के परिजन केंद्र बंद देखकर आक्रोशित हो जाते है। और विवाद होते रहता है। बावजूद स्वास्थ विभाग यहां रात्रि सुविधा बहाल करने की दिशा में कोई ठोस पहल नहीं कर रहा है। जिले के अधिकारियों के दौरे के दौरान भी कई बार रात में यह केंद्र बंद पाया गया। सख्त निर्देश भी दिए गए है। बावजूद इस पर कोई असर नहीं पड़ रहा है।
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