दो डायलिसिस यूनिट, फिर भी मरीज करते हैं इंतजार
गिरिडीह सदर अस्पताल में 26 जनवरी 2024 को दूसरी डायलिसिस यूनिट का उद्घाटन हुआ। पहले से चल रही यूनिट में मरीजों को लंबा इंतजार करना पड़ता था। स्टाफ और मशीनों की कमी से मरीज परेशान थे, जिसके चलते पहले...

गिरिडीह। 26 जनवरी 2024 में गिरिडीह सदर अस्पताल को दूसरा डायलिसिस यूनिट सौगात के तौर पर मिली है। इसी अस्पताल के पहले तल्ले में 04 वर्ष पहले से इस्केज संजीवनी प्राइवेट लिमिटेड, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के इकरारनामे से डायलिसिस यूनिट चला रही है। सदर अस्पताल में फिलहाल अभी दो डायलिसिस यूनिट संचालित है, बावजूद मरीजों को डायलिसिस कराने के लिए कई बार लंबा इंतजार करना पड़ता है। यह समस्या कई कारणों से होती रही है, जैसे कि मरीजों की बढ़ती संख्या, स्टाफ की कमी और उपकरणों की खराब स्थिति। फिलहाल सभी उपकरण ठीक से चले रहे हैं, लेकिन चिकित्सक और टेक्निशियन की कमी से डायलिसिस मरीजों को अब भी परेशानी होती है। हालांकि दोनों यूनिट में टेक्निशियन तो हैं, लेकिन चिकित्सक नहीं रहते हैं। स्टाफ की कमी और मरीजों के अनुपात में डायलिसिस मशीन नहीं होने से भी परेशानी हो रही है। कर्मियों की मानें तो रोजाना 30 से 35 मरीज डायलिसिस को आते हैं, कभी कभी तो संख्या दो गुना बढ़ जाती है। बीमार और जिंदगी की जंग से जूझ रहे डायलिसिस मरीजों को 2023 में काफी परेशानी झेलनी पड़ती थी। उस समय सदर अस्पताल में संचालित आउटसोर्सिंग एजेंसी इस्केज संजीवनी प्राइवेट लिमिटेड की कार्यशैली से परेशान मरीज सदर अस्पताल के गेट के समीप मुख्य सड़क को जाम कर धरना पर बैठ गए थे। इससे ट्रैफिक व्यवस्था भी बिगड़ गई थी। परेशानी झेलनेवाले मरीजों द्वारा सड़क पर धरना देने पर उस समय सिविल सर्जन भी आउटसोर्सिंग एजेंसी के जिम्मे होने की बात कहकर पल्ला झाड़ लिए थे। तब तत्कालीन अनुमंडल पदाधिकारी विशालदीप खलको ने मोर्चा संभाला और किसी तरह सड़क जाम हटवाया था। दूसरी ओर सिविल सर्जन से बात कर डायलिसिस की प्रक्रिया भी शुरू करवाई थी। आंदोलनरत मरीजों का कहना था कि जिस यूनिट में डायलिसिस होता था, वहां ताला लटका हुआ है और स्टाफ नदारद हैं। इसकी जानकारी जब सम्बंधित एजेंसी से पता की गई तो बताया गया कि बकाया बिल का बहाना बनाकर एजेंसी ने यूनिट बंद कर दिया है। हालांकि रोड जाम आंदोलन के बाद यूनिट निरंतर चलने लगी। इसके बाद गणतंत्र दिवस पर सदर अस्पताल में दूसरी डायलिसिस यूनिट का शुभारंभ हो गया तो मरीजों ने राहत की सांस ली।
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