सरिया:50 लाख होल्डिंग टैक्स वसूली कर लगाता है केवल झाड़ू
सरिया में 73 करोड़ की लागत से 327 मीटर लंबे ओवरब्रिज का निर्माण 2023 में शुरू हुआ। इस परियोजना के लिए 300 मकानों को तोड़ा गया, जिसके बाद कई लोग बेरोजगार हो गए। निर्माण में देरी, गुणवत्ता में हेराफेरी...

सरिया। जनहित को ध्यान में रखते हुए जनप्रतिनिधियों के अथक प्रयास के बाद सरिया में 73 करोड़ की लागत से 327 मीटर लंबे ओवरब्रिज का निर्माण 2023 में शुरू हुआ जिसके बाद करीब 300 मकानों को तोड़ा गया है। इसके बदले सरकार ने मामूली रुप से मुआवजा दिया है। अब बीच रोड से दोनों ओर 40 फिट मकानों को तोड़ दिया गया है जिससे कई बेरोजगार हुए तो किसी ने अपना आशियाना ही गवां बैठा। बतला दें कि सरिया में ओवरब्रिज का निर्माण आवगमन की सुविधा में सुधार के मकसद से किया जाना था क्योंकि उस वक्त रेल गेट संख्या 20 बी 3 टी बंद होने के कारण लंबा-लंबा जाम लगता था। नतीजा आम आवाम व वीआईपी भी इसमें फंसते रहे। अब अर्धनिर्मित ब्रिज के कारण खतरा अधिक बढ़ गया है। सड़क के दोनों ओर कमजोर डायवर्सन, कर्मियों का अभाव व संवेदक की लापरवाही से रेल फाटक के नजदीक दो दो घंटे तक सड़क जाम होना, आगे निकलने की होड़ में मारपीट कर लेना व अगल बगल बने गड्ढे में फंस जाने से दुर्घटना आम बात होती जा रही है।
दो साल में ब्रिज निर्माण का कार्य हुआ आधा
अब आप इसे लापरवाही कहें या भ्रष्ट तंत्र का उदाहरण कि जिस ब्रिज का कागज पर निर्माण 18 माह में पूर्ण होना था उसका काम दो साल में आधा हुआ है। जो लोग ओवरब्रिज लाने और बनाने का श्रेय ले रहे थे अब उनका दर्शन भी नहीं हो पाता है।
लेन-देन के कारण काम में आ रही बाधा
दरअसल ओबी संवेदक की भी लापरवाही इसमें सबसे अहम है। अब तक तीन बार ड्रिल करने वाली पाइलिंग मशीन मालिक या ठेकेदार को भुगतान नहीं होने के कारण मशीन वाले भाग जाते हैं। अब तक इस तरह की तीन बार घटना हो चुकी है।
ओवरब्रिज की लंबाई भी घटाई गई
अब 327 मीटर की जगह ब्रिज की लंबाई करीब 50 मीटर कम कर दी गई है। इसके कारणों को स्पष्ट नहीं बताया गया है बावजूद काम मे विलम्ब होना कई सवाल खड़ा करते हैं।
इतना ही नहीं इस ओवरब्रिज निर्माण की क्वालिटी में जमकर हेराफेरी हो रही है। दबी जबान से लोग इस बात की चर्चा कर रहे हैं। यह जांच का विषय है लेकिन ऐसा लगता है मानो ब्रिज के श्रेयकर्ता को इसकी तनिक चिंता नहीं है।
लोकल लोगों को काम पर रख करते हैं रंगबाजी
सबसे बड़ी बात है कि ओबी ठेकेदार कुछ स्थानीय युवकों को डेली बेसिस पर काम में रखकर अपना उल्लू सीधा कर रहे हैं। लड़ाई के डर से इनकी धांधली देखकर लोग चुप रह जाते हैं जबकि हाल ही दिनों में इनके लोगो द्वारा चन्द्रमारनी के पप्पू पांडेय का सर फोड़ दिया गया था। प्रतिदिन इस तरह की कुछ न कुछ शिकायत आती रही है।।
वहीं कुछ माह पूर्व गड्ढे में बाइक सवार दो लोगों के डूबने से दोनों की मौत हो गई थी। मोटे तौर पर कहा जा सकता है कि अगर इस मामले को संज्ञान में नहीं लिया गया तो बड़ी दुर्घटना तय मानी जा सकती है। इधर नगर पंचायत की बात करें तो इनके अधिकारी भी अपनी सीमा लांघ रहे है। इन्हें जिला स्तर के अधिकारी का तनिक भी डर नहीं है। सरिया बाजार में ये अधिकारी कानूनी धौंस दिखाकर पूरी तरह होल्डिंग टैक्स वसूल रहे हैं। इस वर्ष करीब 50 लाख की वसूली हुई है। जो लोग सुविधा मांगते हैं, उनका खाता फ्रिज करवाना, कानूनी दावपेंच की धमकी देना फितरत सी हो गई है। इतनी भारी वसूली के बाद भी पूरे नगर पंचायत क्षेत्र में शौचालय तो छोड़िए एक यूरिन यूनिट तक नहीं लगाया गया है जबकि 2020 से वाटर सप्लाई बंद है।
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