Tourists Flock to Parasnath Hill A Spiritual and Scenic Destination आस्था व पर्यटन के केंद्र पारसनाथ में जुटने लगे हैं सैलानी, Gridih Hindi News - Hindustan
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आस्था व पर्यटन के केंद्र पारसनाथ में जुटने लगे हैं सैलानी

पारसनाथ पर्वत, झारखंड-बिहार की सबसे ऊंची चोटी, धार्मिक अनुष्ठानों और पर्यटन का केंद्र बन गया है। नववर्ष के मौके पर यहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु जुट रहे हैं। जैन अनुयाइयों के लिए यह तीर्थंकरों की...

Newswrap हिन्दुस्तान, गिरडीहTue, 10 Dec 2024 12:24 AM
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आस्था व पर्यटन के केंद्र पारसनाथ में जुटने लगे हैं सैलानी

अजय भंडारी पीरटांड़। आस्था व पर्यटन का अद्भुत पारसनाथ में सैलानी जुटने लगे हैं। झारखण्ड बिहार की सबसे ऊंची चोटी पारसनाथ में हर वर्ष पर्यटकों की भीड़ लगती है। साल के अंतिम महीने व नववर्ष के स्वागत पर जगह जगह धार्मिक अनुष्ठान का भी आयोजन होता है। पारसनाथ पर्वत की चढ़ाई कर श्रद्धालु पर्वत वंदना करते हैं। जैन अनुआइयों के अलावा स्थानीय लोगों की भी पारसनाथ पर्वत के प्रति गहरी आस्था है।

बतला दें कि झारखंड बिहार की सबसे ऊंची चोटी तथा छोटी बड़ी चोटियों की श्रृंखला वाला पारसनाथ पर्वत न केवल जैन अनुयाइयों के लिए आस्था का केंद्र है बल्कि पर्यटन के क्षेत्र में भी शुमार है। जैन धर्म के चौबीस में से बीस तीर्थंकरों की निर्वाणभूमि पारसनाथ पर्वत का कण कण पूजनीय है। वहीं आदिवासी समाज में पारसनाथ पर्वत को प्रकृति की धरोहर मरांग बुरु के रूप में पूजा जाता है। वहीं पारसनाथ पर्वत की खूबसूरत वादियां पर्यटकों को बरबस अपनी ओर आकर्षित करता है। पारसनाथ पर्वत 9 किलोमीटर की कठिन चढ़ाई के बीच मे गंधर्वनाला सीतानाला की कलकल बहती जलधारा पर्यटकों को रोमांचित करता है। लगभग 17 हजार एकड़ भूमि में विस्तारित प्राकृतिक धरोहर पारसनाथ पर्वत की हरियाली प्राकृतिक सौंदर्य का अनूठा उदाहरण है। समुद्र तल से लगभग 1350 मीटर ऊंचाई पर बादलों के झुंड अठखेलियां करता पर्वत की छोटे बड़े चोटियां पर्यटकों को मंत्रमुग्ध कर देता है। वहीं पहाड़ की तलहटी मंदिरों की नगरी मधुबन में संगमरमर पत्थर पर अद्भुत कलाकृतियां आकर्षण का केंद्र है। साल के अंतिम महीने में पारसनाथ पर्वत की खूबसूरती पर्यटकों को लुभा रही है। साल के अंतिम महीने में सैलानियों का जुटान भी शरू हो गया है। जैन अनुयाइयों के अलावा झारखंड बिहार व आसपास राज्यों के पर्यटक पारसनाथ पहुंच रहे हैं। वर्ष की विदाई व नववर्ष के आगमन पर भारी संख्या में सैलानियों का जुटान होता है।

नववर्ष के मौके पर धार्मिक अनुष्ठान का आयोजन होगा। नववर्ष के मौके पर बाबा का दर्शन कर नूतन वर्ष सेलिब्रेट करने की पुरानी परंपरा है। साल के अंतिम दिन में मधुबन स्थित विभिन मंदिरों को धार्मिक अनुष्ठान का आयोजन किया जायेगा। जैन अनुयाइयों द्वारा भव्य भजन संध्या व पूजा अर्चना का आयोजन किया जायेगा। महोत्सव पर मधुबन को आकर्षक रूप से सजाया संवारा भी जायेगा।

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