आयुष्मान भारत योजना के तहत हजारीबाग और रामगढ़ का 50 करोड़ भुगतान लंबित
हजारीबाग और रामगढ़ के निजी अस्पतालों को आयुष्मान भारत योजना के तहत 50 करोड़ रुपये का भुगतान पिछले 10 महीनों से नहीं मिला है। इससे 10 लाख कार्डधारियों की स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित हो रही हैं। अस्पताल...

हजारीबाग, हिंदुस्तान ऑफिस। आयुष्मान भारत योजना का लाभ गरीब मरीजों को देने वाले निजी अस्पतालाओं की हालत खस्ता हो गयी है। हजारीबाग और रामगढ़ के विभिन्न अस्पतालों का उनके पास 50 करोड़ लंबित है। पिछले 10 महीनें से आयुष्मान भारत योजना के तहत सरकार की ओर से भुगतान नहीं किया गया है। इससे हजारीबाग और रामगढ़ जिले के 10 लाख कार्डधारी की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। निजी अस्पतालों का भुगतान पिछले जुलाई माह से लंबित है। 10 महीने से करोड़ों की राशि का बकाया होना प्राइवेट अस्पतालों में आर्थिक संकट उत्पन्न कर दिया है। लोग अस्पताल संचालन के लिए कर्ज ले रहे हैं बैंक लोन पर कई अस्पताल संचालित हो रहे हैं। इसको लेकर एसोसिएशन आफ हेल्थ केयर प्रोवाइर्ड्स इंडिया के झारखंड चैप्टर के ज्वाइंट सेक्रेटरी हर्ष अजमेरा की अध्यक्षता में हजारीबाग चैप्टर के रामगढ़ और हजारीबाग के प्राइवेट अस्पताल के संचालकों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस किया है। हजारीबाग आरोग्यम नर्सिंग कॉलेज के सभागार में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में झारखंड चैप्टर के जॉइंट सेक्रेटरी हर्ष अजमेरा ने कहा कि दोनों जिले में 10लाख 25000 आयुष्मान कार्ड धारक हैं। जिसमें 7 लाख हजारीबाग जिले में और 3 लाख 25000 कार्डधारी रामगढ़ जिले में है। वही हजारीबाग जिले में 20 और रामगढ़ जिले में 6 प्राइवेट अस्पताल आयुष्मान योजना से पंजीकृत हैं। जो कार्ड धारकों का इलाज करते आ रहे हैं। आज स्थिति यह है कि जुलाई 2024 से आयुष्मान संबंध प्राइवेट अस्पतालों का आयुष्मान योजना का भुगतान नहीं हो पाया है। इस बकाया राशि का आंकड़ा 50 करोड़ से अधिक है। जिसमें लगभग 40 करोड़ हजारीबाग का और 10 करोड़ से अधिक रामगढ़ जिले का है। उन्होंने बताया कि आयुष्मान भारत योजना 2018 में लॉन्च हुआ। भारत देश के झारखंड राज्य से ही इसका लॉन्चिंग हुआ यह इस राज्य का सौभाग्य था। लेकिन अफसोस है कि इसी राज्य में प्राइवेट अस्पतालों का भुगतान नहीं हो पा रहा है और आज निजी अस्पताल संचालक आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं। जबकि 70 फ़ीसदी आयुष्मान योजना के मरीजों का इलाज हम प्राइवेट अस्पताल करते आ रहे हैं 30 फ़ीसदी ही मरीजों का इलाज सरकारी अस्पतालों में होने का आंकड़ा है। कहां की हम प्राइवेट अस्पताल संचालक सरकार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम करते आ रहे हैं। ताकि अधिक से अधिक लोग को इस योजना का लाभ मिले और बेहतर इलाज मुहैया हो सके। आयुष्मान कार्ड धारकों का इलाज निरंतर हमारे द्वारा जारी है। लेकिन आज हम प्राइवेट अस्पताल संचालकों को ही बीच मझधार में छोड़ दिया गया है। चिकित्सक व कर्मियों का तीन-तीन माह से वेतन लंबित है। जिसका भुगतान हम लोग नहीं कर पा रहे हैं। इसके अतिरिक्त दवाई मेडिकल व्यवस्था इत्यादि में आए खर्च का भुगतान भी लंबित पड़ा हुआ है।
इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में जीवनश्री अस्पताल रामगढ़, प्राइम हॉस्पिटल रामगढ़, होप हॉस्पिटल रामगढ़, एचजेडबी आरोग्यम हॉस्पिटल हजारीबाग, डॉ मेराज आई एंड डेंटल हॉस्पिटल, श्रीनिवास हॉस्पिटल, शांति सेवा सदन बड़कागांव, वंदना नर्सिंग होम, आयुष्मान हॉस्पिटल, क्षितिज हॉस्पिटल, न्यू लाइफ लाइन हॉस्पिटल, हमीदा नर्सिंग होम, राज हॉस्पिटल, महावीर हॉस्पिटल, हरिकिशन हॉस्पिटल समेत सभी आयुष्मान योजना से संबंध रखने वाले अस्पतालों के संचालक और चिकित्सक मौजूद थे।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।