बरही प्रखंड में नहीं है कोई खेल मैदान, स्कूलों तक सिमट कर रह जाती है खेल प्रतिभाएं
बरही प्रखंड में नहीं है कोई खेल मैदान, स्कूलों तक सिमट कर रह जाती है खेल प्रतिभाएं

बरही प्रतिनिधि। बरही प्रखंड में कोई खेल मैदान नहीं है। बरही के बच्चे स्कूल मैदान में अपने बलबूते क्रिकेट, फुटबॉल खेलते हैं। सरकार द्वारा आयोजित खेल प्रतियोगिताओं में भाग लेते हैं और फिर उनकी खेल प्रतिभा का अंत हो जाता है। प्रखंड परिसर स्थित प्रखंड मैदान को ही बच्चे क्रिकेट और फुटबॉल खेलने के लिए इस्तेमाल करते हैं। लेकिन प्रखंड मैदान सार्वजनिक स्थल है। कभी सरकारी कार्यक्रम, कभी राजनीतिक दलों का कार्यक्रम और कभी सांस्कृतिक कार्यक्रमों के आयोजन से बच्चों का खेल प्रभावित होता है। कई कई दिन तक मैदान में खुटे डंडे गड़े रहते हैं। मैदान में गंदगी पसर जाती है जिसकी सफाई भी खेलने वाले बच्चों को ही करना पड़ता है। बरही में खेल संघ है बरही स्पोर्ट्स एसोसिएशन। इसके संरक्षक हैं अब्दुल मनान वारसी। अब्दुल मनान वारसी बताते हैं कि बरही प्रखंड के साथ साथ बरही के किसी पंचायत में खेल मैदान नहीं है। शहीद पोटो हो खेल विकास योजना या सरकार के किसी खेल योजना का लाभ बरही के खिलाड़ियों को नहीं मिला है। बरही के खेल प्रेमी ही सहयोग कर बरही में अबतक खेल को जिंदा रखा है। चकुराटांड़ में स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने इंडोर स्टेडियम का निर्माण कराया था लेकिन बनने के साथ ही वह आंधी पानी में उजड़ गया। आज वहां अग्निशमन विभाग का कार्यालय स्थापित है। बरही के खेलप्रेमी के सहयोग और बरही स्पोर्ट्स एसोसिएशन की मेहनत से क्रिकेट और फुटबॉल में महिला और पुरुष खिलाड़ियों को जिला और प्रदेश स्तर तक क्रिकेट और फुटबॉल में प्रतिनिधित्व करने का मौका मिला है। अब्दुल मनान ने कहा कि बरही में खेल प्रतिभाओं की कमी नहीं है, अगर खेल मैदान उपलब्ध होता तो यहां के खिलाड़ी राष्ट्रीय गेम और एशियन गेम में भी अपनी प्रतिभा का शानदार प्रदर्शन करते।
अनुमंडल स्तरीय स्टेडियम का 2017 में हुआ शिलान्यास निर्माण कार्य 2025 में भी नहीं हुआ शुरू
बरही। बरही में अनुमंडल स्तरीय स्टेडियम का शिलान्यास 2017 में हुआ था लेकिन 2025 में भी स्टेडियम का निर्माण कार्य शुरू नहीं हुआ। विधायक मनोज यादव ने 18 मार्च को सदन में स्टेडियम निर्माण को लेकर सवाल किया कि क्या सरकार बरही में स्टेडियम का निर्माण कराना चाहती है यदि हां तो कब तक। विधायक के प्रश्न पर मंत्री ने जवाब दिया है कि वर्ष 2017-18 में अनुमंडल स्तरीय स्टेडियम निर्माण के लिए 3,15,79,900 रुपये की स्वीकृति दी गई थी। उपायुक्त, हजारीबाग ने इस निर्माण कार्य के पुनरीक्षित प्राक्कलन को 3,52,12,600 रुपये के रूप में खेलकूद एवं युवा कार्य विभाग को भेजा था, लेकिन यह अब तक सक्षम स्तर से तकनीकी स्वीकृति प्राप्त नहीं कर सकी है। 12.03.2025 को उपायुक्त, हजारीबाग से पुनरीक्षित तकनीकी स्वीकृत प्राक्कलन की मांग की गई है। उपायुक्त से स्वीकृत प्राक्कलन प्राप्त होने के बाद सरकार बजट उपलब्धता के आधार पर नियमानुसार आगे की कार्रवाई करेगी।
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