चारा घोटाला जैसा गबन पेयजल विभाग में भी; 160 करोड़ के कामों की जांच कराए सरकार- बाबूलाल मरांडी
- मरांडी ने कहा कि पेयजल एवं स्वच्छता विभाग में भी चारा घोटाले की तरह विभिन्न कोषागार से अवैध निकासी को अंजाम दिया गया है। उन्होंने सरकार से उच्च स्तरीय जांच की मांग की है।

झारखंड के नेता विपक्ष बाबूलाल मरांडी ने हेमंत सरकार के दौरान पेयजल एवं स्वच्छता विभाग में खर्च किए गए करोड़ों रुपयों में हेराफेरी का आरोप लगाते हुए निष्पक्ष और उच्च स्तरीय जांच की मांग की है। मरांडी ने कहा कि पेयजल एवं स्वच्छता विभाग में भी चारा घोटाले की तरह विभिन्न कोषागार से अवैध निकासी को अंजाम दिया गया है।
बाबूलाल मरांडी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट लिखते हुए कहा कि हेमंत सोरेन के पहले कार्यकाल के दौरान पेयजल एवं स्वच्छता विभाग में वर्ष 2019 से 2024 के बीच 160 करोड़ रुपये की लागत से किए गए कार्यों में भारी वित्तीय अनियमितताओं का खुलासा हुआ है। ऑडिट रिपोर्ट से यह स्पष्ट है कि पेयजल एवं स्वच्छता विभाग में भी चारा घोटाले की तरह विभिन्न कोषागार से अवैध निकासी को अंजाम दिया गया है।
इन आधार पर मरांडी ने राज्य सरकार से इस पूरे मामले की निष्पक्ष और उच्च स्तरीय जांच कराए जाने की मांग की है। ताकि दोषियों को सजा दिलाई जा सके और जनता के पैसों से की गई यह लूट रोकी जा सके।
पेयजल और स्वच्छता विभाग में साल 2019 से लेकर 2024 तक बड़े पैमाने पर अनियमितताओं के होने की बात सामने आई है। वित्त विभाग की तरफ से गठित की गई कमेटी में 7 सदस्यों द्वारा जांच कराई गई थी। इसमें खुलासा हुआ कि जांच के दौरान कई तरह से घोटाला हुआ। इसमें इंजीनियर से लेकर कोषागार के अधिकारियों की मिलीभगत सामने आई थी।