किराएदार ने मकान पर कर लिया कब्जा, 27 साल लड़ाई के बाद मकान मालिक को वापस मिला घर
27 सालों पहले एक किराएदार ने घर किराए पर लिया। बाद में वापस करने से इनकार कर दिया। कब्जा वापस लेने के लिए मकान मालिक को 27 साल की लंबी कानूनी लड़ाई लड़नी पड़ी।

फर्ज कीजिए कि आपने अपनी जीवनभर की कमाई से एक मकान बनवाया। मकान बनवाने के बाद आपने एक उम्मीद पाली कि अब इस मकान को किराए पर देकर कुछ आमदनी कमाई जाए। घर में किराएदार आए और वो खाली करने से ही इनकार कर दे तो आप क्या करेंगे। बीते कुछ सालों में ऐसे कई मामले सामने आए हैं। ठीक ऐसा ही एक मामला आया है झारखंड के रांची में। यहां एक मकान मालिक को अपना ही घर किराएदार से वापस लेने के लिए 27 साल लंबी कानूनी लड़ाई लड़नी पड़ी। हालांकि, आखिर में जीत मालिक की हुई, लेकिन इसके लिए उसे 27 साल का इंतजार करना पड़ा। आइए जानते हैं आखिर पूरा मामला क्या है।
मामला रांची का है। यहां 27 साल की लंबी कानूनी लड़ाई लड़ने के बाद जेजे रोड, अपर बाजार निवासी उत्तम कुमार टिबड़ेवाल को अपने मकान पर कब्जा लेने में सफलता हाथ लगी। सिविल कोर्ट रांची के सिविल जज चंदन कुमार गोस्वामी की अदालत से पारित आदेश के आधार पर शुक्रवार को मकान पर कब्जा दिलाया गया। अब पूरे 27 सालों के बाद मकान मालिक को अपने घर पर कब्जा मिल गया है।
कब्जा दिलाने की न्यायिक कार्यवाही सिविल कोर्ट रांची के नाजिर जीशान इकबाल और कार्यपालक दंडाधिकारी जफर हसनात के नेतृत्व में किया गया। उक्त मकान में किराएदार के रूप में रामगोपाल जालान वर्ष 1998 से रह रहे थे। किराएदार रामगोपाल जालान मकान पर कब्जा करने की नीयत से मकान में ताला लगाकर कहीं बाहर चले गए थे। व्यक्तिगत रूप से संपर्क करने पर वह मकान को खाली नहीं कर रहे थे। तब मकान मालिक ने वर्ष 1998 में सिविल जज की अदालत में किराएदार को निष्कासित करने को लेकर मुकदमा दर्ज कराया था। इसमें निर्णय मकान मालिक के पक्ष में आया। इसके बाद कोर्ट ने किराएदार को बलपूर्वक मकान से निष्कासित करने का आदेश दिया।