टाटानगर से झारसुगुड़ा व खड़गपुर तक 160 किमी की स्पीड से दौड़ेंगीं ट्रेनें
टाटानगर से झारसुगुड़ा और खड़गपुर तक ट्रेनों की गति 160 किमी प्रति घंटे तक बढ़ाई जाएगी। इसके लिए रेलवे सिग्नल पैनल और परिचालन प्रणाली में सुधार किया जाएगा। 202 करोड़ रुपये खर्च कर नए सिग्नल सिस्टम और...

टाटानगर स्टेशन से झारसुगुड़ा और खड़गपुर तक ट्रेनें जल्द 160 किमी प्रति घंटे की स्पीड से दौड़ेंगी। इसके लिए गति शक्ति योजना से रेलवे सिग्नल पैनल एवं परिचालन सिस्टम में सुधार होगा। दक्षिण पूर्व रेलवे जोन ने टाटानगर से खड़गपुर स्टेशन तक ऑटोमेटिक सिग्नल सिस्टम का सर्वे कराया था। वहीं, आसनबनी से टाटानगर होकर झारसुगुड़ा तक तक ट्रेनों की स्पीड बढ़ाने व सुरक्षित परिचालन का काम नए सीरे से शुरू होगा। सिग्नल व लाइन समेत अन्य कार्यों में रेलवे 202 करोड़ रुपये खर्च करने वाला है। खड़गपुर की ओर सिग्नल सिस्टम में सुधार के लिए 134 किमी लाइन किनारे नया केबल बिछाकर जंक्शन बॉक्स बनेगा। बताया जाता है कि टाटानगर राजखरसावां मार्ग में ऑटोमेटिक सिग्नल सिस्टम पूर्व से शुरू है, जबकि टाटा-खड़गपुर मार्ग में ट्रेनें एब्सोलूट सिग्नल सिस्टम पर चलती है। दक्षिण पूर्व जोन से 19 फरवरी को जारी स्पीड बढ़ाने की योजना से नए निर्माण होंगे। हालांकि, अभी हावड़ा-मुंबई मार्ग में ट्रेने 120 से 130 किमी प्रतिघंटे स्पीड से दौड़ती है।
मालगाड़ियों से बढ़ेगी ढुलाई क्षमता
ट्रेनों की स्पीड बढ़ने से रेलवे को मालगाड़ी से ढुलाई क्षमता बढ़ाने में सहूलियत होगी। इससे यात्री ट्रेनें भी कम समय में ज्यादा दूरी तय कर सकती हैं। मालूम हो कि, ऑटोमेटिक सिग्नल सिस्टम से एक लाइन में दो-तीन ट्रेनों को डेढ़-दो सौ किमी की दूरी पर चल सकती है, क्योंकि ट्रेन गुजरने के बाद सिग्नल स्वयं बदल जाता है। इससे ट्रेनों को तेज स्पीड से चलाने में भी सहूलियत होगी। ऑटोमेटिक सिस्टम में जब तक ट्रेन एक सिग्नल को पार नहीं करेगी, तब तक दूसरी ट्रेन को सिग्नल नहीं मिलेगा।
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