ग्रेटर जमशेदपुर के खिलाफ माझी महाल 10 जून को करेगा विरोध प्रदर्शन
पूर्वी सिंहभूम जिले में आदिवासी समुदाय ने जमशेदपुर शहर को ग्रेटर जमशेदपुर में शामिल करने के प्रस्ताव का विरोध किया है। 10 जून को उपायुक्त कार्यालय के समक्ष प्रदर्शन किया जाएगा, जिसमें पारंपरिक वेशभूषा...

पूर्वी सिंहभूम जिले को पांचवी अनुसूचित क्षेत्र का दर्जा प्राप्त है। अबइस क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले जमशेदपुर शहर को बृहद नगर निगम (ग्रेटर जमशेदपुर) में विस्तारित करने की योजना है। इसके तहत शहर से सटे ग्रामीण क्षेत्रों, जिनमें आदिवासी बहुल पंचायतें शामिल हैं, को शहरी सीमा में लाया जाएगा। इस प्रस्ताव का विरोध करते हुए आदिवासी परंपरागत स्वशासन व्यवस्था के प्रतिनिधियों और क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों ने 10 जून को उपायुक्त कार्यालय के समक्ष विरोध प्रदर्शन की घोषणा की है। इस दौरान केंद्र सरकार से सरना धर्म कोड को मान्यता देने तथा राज्य में पेसा नियमावली लागू करने की मांग को लेकर राष्ट्रपति एवं राज्यपाल को ज्ञापन भेजा जाएगा।
कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए कार्य योजना तैयार की गई है, जिसके अनुसार प्रत्येक गांव से 500 रुपये माझी पारगना माहाल के कैशियर के पास 5 जून तक जमा करने होंगे। इसके साथ ग्रामसभा की बैठक बुलाकर नगर निगम के विरोध में प्रस्ताव पारित किया जाएगा। ग्रामसभा के लेटरहेड पर गांव के लोगों के हस्ताक्षरयुक्त पत्र उपायुक्त, राष्ट्रपति, राज्यपाल, मुख्यमंत्री और नगर विकास मंत्री के नाम भेजे जाएंगे। पारंपरिक हथियारों के साथ होगा प्रदर्शन 10 जून को उपायुक्त कार्यालय के समक्ष धरना में आदिवासी महिला-पुरुष पारंपरिक वेशभूषा में शामिल होंगे और तीर-धनुष, भाला, तलवार, कुल्हाड़ी, हासुआ, काटारी आदि पारंपरिक औजार अपने साथ लेकर पहुंचेंगे। आने-जाने की व्यवस्था ग्राम सभा करेगी, जबकि भोजन की व्यवस्था प्रतिभागियों को स्वयं करनी होगी। इसके लिए दाका पोटोम, मुढ़ी, चुड़ा, गुड़, चना, सत्तू आदि लेकर आने का आग्रह किया गया है।
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