सोने के बढ़ते दाम से बाजार में सन्नाटा, ग्राहक से लेकर दुकानदार तक परेशान
जामताड़ा में सोने की कीमतों में तेजी से बढ़ोतरी ने सर्राफा बाजार को प्रभावित किया है। शादी का समय होने के बावजूद ग्राहक कम आ रहे हैं। पिछले 14 महीनों में सोने की कीमत में 50 प्रतिशत से अधिक की बढ़ोतरी...

जामताड़ा, प्रतिनिधि । सोने की कीमत में हो रहे उछाल का असर जामताड़ा के बाजार पर भी पड़ा है। लग्न का समय है और सर्राफा बाजार में सूनापन छाया हुआ है। जिस तरीके से सोने की कीमत में वृद्धि हुई है, उसने दुकानदार और खरीदार दोनों को हताश कर दिया है। शनिवार से सोमवार के बीच में सोने की कीमत में 2500 से 2600 रुपए प्रति 10 ग्राम की वृद्धि दर्ज की गई है। सोमवार को सर्राफा बाजार में 24 कैरेट सोने की कीमत 97 हजार 500 रूपए तथा 22 कैरेट सोने की कीमत 92 हजार 600 रुपए प्रति10 ग्राम था। वही दो दिन पूर्व शनिवार को इसकी कीमत क्रमशः 95 हजार एवं 90 हजार रुपए प्रति 10 ग्राम थी। इधर सोना के भाव में हो रहे लगातार बढ़ोतरी से ग्राहक भी असमंजस में है। जहां ग्राहक बढ़ी हुई कीमतों के कारण सोने की खरीदारी कम कर रहे हैं। वहीं दुकानदार भी परेशान हैं। पिछले कुछ महीनो से सोने के भाव में लगातार उतार-चढ़ाव देखा जा रहा है। सर्राफा व्यवसायियों से मिली जानकारी के अनुसार पिछले 14 महीनों में सोने के भाव में लगभग 50 प्रतिशत से अधिक बढ़ोतरी हुई है। जिस कारण ग्राहकों से लेकर सोना दुकानदार भी परेशान हैं। बता दें कि अभी शादी विवाह का सीजन अपने पिक पर है, लेकिन उस अनुपात में सोना, चांदी व जेवरात के दुकानों में ग्राहक नहीं दिख रहे हैं। जो दुकानदारों के लिए भी बड़ी परेशानी की बात है। अक्षय तृतीया का त्यौहार भी नजदीक आ गया है। ऐसे में दुकानदार यह तय नहीं कर पा रहे हैं कि अक्षय तृतीया को लेकर नए सिरे से ऑर्डर बुक करें या नहीं। क्योंकि ग्राहकों का जो रुख अभी सोने-चांदी की खरीदारी को लेकर है, वह निराशाजनक है।
क्या कहते है व्यवसायी:
- जिस तरीके से सोने चांदी की कीमत में बढ़ोतरी हो रही है उससे बाजार का अंदाज लगा पाना मुश्किल हो रहा है। अभी तो लग्न के बाजार में स्थिति खराब हो गई है। अक्षय तृतीया के बारे में तो कुछ सोच नहीं पा रहे हैं।
प्रिंस बर्मन, गणपति ज्वेलर्स।
- सोने चांदी की कीमतों में उछाल ने लग्न के बाजार को पूरी तरह से कमजोर कर दिया है। जिस अनुपात में व्यापारी व्यवसाय का अनुमान लगा रहे थे, अगर उसका आधा व्यवसाय भी हो जाए तो व्यवसायी राहत में रहेंगे। अक्षय तृतीया के बाजार का फिलहाल कुछ उम्मीद नहीं दिख रहा है।
मयंक, अलंकार ज्वेलर्स।
- दुकान में ग्राहक बहुत कम पहुंच रहे हैं। अगर सोने का भाव स्थिर रहता तो लग्न का बाजार भी अच्छा रहता और अच्छे तृतीया भी बेहतर तरीके से संपन्न होता। लेकिन कीमत में हो रही बेतहाशा वृद्धि ने सब कुछ झकझोर कर रख दिया है।
विक्रम, शुभम ज्वेलर्स।
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