बच्चों को संस्कार वान बनाने के लिए संत और गुरुजनों के कथा से जुड़े - नितिन देव
कुंडहित, प्रतिनिधि।प्रखंड के खजूरी गांव स्थित बजरंगबली मंदिर परिसर में चल रहे सात दिवसीय भागवत कथा के तीसरे दिन शनिवार को कथावाचक वृंदावन के नितिन देव

बच्चों को संस्कार वान बनाने के लिए संत और गुरुजनों के कथा से जुड़े - नितिन देव
कुंडहित, प्रतिनिधि।
प्रखंड के खजूरी गांव स्थित बजरंगबली मंदिर परिसर में चल रहे सात दिवसीय भागवत कथा के तीसरे दिन शनिवार को कथावाचक वृंदावन के नितिन देव के द्वारा सती महारानी एवं भगवान शंकर की चरित्र का वर्णन तथा ध्रुव जी महाराज के चरित्र प्रसंग पर कथा सुनाया। जहां बालक ध्रुव ने बाल्यावस्था से भगवान का भजन किया और उन्हें भगवान की प्राप्ति हो गई। ध्रुव महाराज जी के 05 वर्ष के अल्प आयु में इतना संस्कार भरा हुआ था कि वे भगवान की तपस्या करने के लिए जंगल के लिए चले गए थे। बाद में उन्होंने वृंदावन के मथुरा में जाकर भगवान का भजन किया और उन्हें भगवान की प्राप्ति हो गई। उन्होने कहा संत एवं महात्मा साधु भगवान के भजन करने के लिए तीर्थ भूमि क्यों ढूंढते हैं। कहा कि तीर्थ भूमि में ऊर्जा होती है। जहां भजन करने से जल्दी ही भगवान की प्राप्त हो जाती है। उन्होंने कहा कि माता-पिता का कर्तव्य है कि बच्चों को अच्छी संस्कार दे तथा गुरुजी के चरणों में बैठे जितना गुरु और संतों का संगत करेंगे। उतना ही भगवान के नजदीक जाएंगे और उतना ही संस्कारवान बनेंगे। उनके सुमधुर भजन और पाठ से उपस्थित श्रद्धालु झूते रहे। भागवत पाठ से खजूरी सहित आसपास के गांव में भक्तिरस का बयार बह रही है।
फोटो कुंडहित 01: शनिवार को खाजूरी में भागवत पाठ करते कथावाचक।
फोटो कुंडहित 02: कार्यक्रम में उपस्थित श्रोताओं की भीड़।
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