मकान मालिकों पर झारखंड पुलिस की सख्ती, किरायेदार अपराधी निकला तो होगी जेल; अभी कर लें ये काम
- यदि मकान मालिक ने जानबूझकर किसी फरार अपराधी को अपने यहां पनाह दी या फिर किराए पर मकान दिया तो उसे जेल जाना पड़ सकता है। इसलिए किरायेदार रखने से पहले उनका वेरीफिकेशन जरूर करवा लें।

यदि मकान मालिक ने जानबूझकर किसी फरार अपराधी को अपने यहां पनाह दी या फिर किराए पर मकान दिया तो उसे जेल जाना पड़ सकता है। झारखंड पुलिस ने किराएदार के वेरिफेशन के लिए हर थाने को सतर्क किया है। किराएदार के पुलिस वेरिफिकेशन की प्रक्रिया को आसान करने के साथ किसी को परेशान नहीं करने की बात कही गई है।
इस मामले पर बात करते हुए एसएसपी किशोर कौशल ने कहा कि वर्तमान में झारखंड में किराएदार के ऑनलाइन वेरिफिकेशन की सुविधा नहीं है। झारखंड पुलिस के एप में इसका आप्शन तो है, लेकिन इसका लिंक जनरेट नहीं है। इससे आमलोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। वेरिफिकेशन के लिए लोगों को थाना का चक्कर लगाना पड़ता है। किराएदार के पुलिस वेरिफकेशन को सरल बनाया जाएगा, ताकि किसी को परेशानी न हो। इसके लिए पुलिस ने कार्ययोजना तैयार की है। थाना स्तर पर आमलोगों के साथ बैठक की जाएगी।
इसलिए जरूरी है रेंट एग्रीमेंट
घर-दुकान या जमीन, किसी भी संपत्ति को किराये पर देने से पहले रेंट एग्रीमेंट बनवाना बहुत जरूरी होता है। इससे कब्जे का डर या विवाद की स्थिति में मकान मालिक का पक्ष मजबूत हो जाता है। हालांकि, रेंट एग्रीमेंट के साथ पुलिस वेरिफिकेशन भी बहुत जरूरी होता है। लेकिन, कई बार लोग किरायानामा तो बनवा लेते हैं पर पुलिस वेरिफिकेशन नहीं कराते हैं। ऐसी स्थिति में अगर किरायेदार किसी गलत गतविधि में शामिल पाया जाता है तो मकान मालिक पर कानूनी कार्रवाई की आंच आ सकती है।
इसलिए पुलिस कररही है कार्रवाई
हाल में ही यूपी एसटीएफ ने गोविंदपुर में मुख्तार अंसारी गिरोह के शूटर अनुज कन्नौजिया को मुठभेड़ में मार गिराया था। उसके मारे जाने के बाद जानकारी मिली कि वह किराए के मकान में रह रहा था। इसके अलावा जमशेदपुर से ही दाऊद इब्राहिम गिरोह के सदस्य कुट्टी को गिरफ्तार किया गया था। वह भी किराए के मकान में रहता था।